हमारी हिंदी भाषा का साहित्य किसी भी दूसरी भारतीय भाषा से किसी अंश से कम नहीं है। - (रायबहादुर) रामरणविजय सिंह।
काव्य 
जब ह्रदय अहं की भावना का परित्याग करके विशुद्ध अनुभूति मात्र रह जाता है, तब वह मुक्त हृदय हो जाता है। हृदय की इस मुक्ति की साधना के लिए मनुष्य की वाणी जो शब्द विधान करती आई है उसे काव्य कहते हैं। कविता मनुष्य को स्वार्थ सम्बन्धों के संकुचित घेरे से ऊपर उठाती है और शेष सृष्टि से रागात्मक संबंध जोड़ने में सहायक होती है। काव्य की अनेक परिभाषाएं दी गई हैं। ये परिभाषाएं आधुनिक हिंदी काव्य के लिए भी सही सिद्ध होती हैं। काव्य सिद्ध चित्त को अलौकिक आनंदानुभूति कराता है तो हृदय के तार झंकृत हो उठते हैं। काव्य में सत्यं शिवं सुंदरम् की भावना भी निहित होती है। जिस काव्य में यह सब कुछ पाया जाता है वह उत्तम काव्य माना जाता है।

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मंज़िलों की खोज में तुमको जो चलता सा लगा  -  संजय ग्रोवर
 
माँ कह एक कहानी -  मैथिलीशरण गुप्त
 
ख़ूनी हस्ताक्षर -  गोपाल प्रसाद व्यास
 
यह दिया बुझे नहीं -  गोपाल सिंह ‘नेपाली’
 
मुस्कुराहट  -  डॉ दीपिका
 
राष्ट्रीय गान -  रबींद्रनाथ टैगोर
 
गांधी कविता कोश  -  भारत-दर्शन
 
लूट मची है चारों ओर | ग़ज़ल  -  राहत इंदौरी
 
खुद ही बनाया और बिगाड़ा तकदीरों को  -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
जितना कम सामान रहेगा -  गोपालदास ‘नीरज’
 
रोहित कुमार 'हैप्पी' की ग़ज़लें  -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
यह कवि अपराजेय निराला  -  राम विलास शर्मा
 
हमारा देश -  कवि इन्द्र बहादुर खरे
 
घासीराम के पद  -  घासीराम | Ghasiram Ke Pad
 
भजन -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
फीजी -  राजकुमार अवस्थी
 
साँप -  अज्ञेय | सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन
 
जीत तुम्हारी -  विश्वप्रकाश दीक्षित ‘बटुक'
 
राष्ट्रीय गीत | National Song -  बंकिम चन्द्र चटर्जी
 
खूनी पर्चा -  जनकवि वंशीधर शुक्ल
 
हिन्दी दिवस -  खाक बनारसी
 
आज़ादी -  हफ़ीज़ जालंधरी
 
ऐ ज़िन्दगी मत पूछ -  शांती स्वरूप मिश्र
 
जन्म-दिवस पर... -  वंदना भारद्वाज
 
तुम्हारे लिये | कुछ मुक्तक  -  अनूप भार्गव
 
हिन्दी -  गौरी शंकर वैद्य ‘विनम्र’
 
आह्वान  -  अशफ़ाक उल्ला खाँ
 
मक़सद | कविता -  राजगोपाल सिंह
 
तितली | बाल कविता -  नर्मदाप्रसाद खरे
 
माँ  -  जगदीश व्योम
 
अश़आर -  मुन्नवर राना
 
दो ग़ज़लें -  प्रगीत कुँअर
 
कुछ सुन रहा था | कविता -  अरविंद सैन
 
फूलवाली -  रामकुमार वर्मा
 
दस हाइकु -  अशोक कुमार ढोरिया
 
सोशल मीडिया -  अभय गौड़
 
अजीब क़िस्म का अहसास -  ज्ञानप्रकाश विवेक
 
क्यों न  -  मनीषा एन पाठक
 
हमने कोशिश करके देखी | ग़ज़ल -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
आँख से सपने चुराने आ गए | ग़ज़ल -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
घर-सा पाओ चैन कहीं तो |ग़ज़ल  -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
खुद ही बनाया | ग़ज़ल -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
मुझको अपने बीते कल में | ग़ज़ल -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
रोहित कुमार हैप्पी की ग़ज़लें -  भारत दर्शन
 
हमको सपने टूटने का ग़म नहीं | ग़ज़ल -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
आप के एहसान नीचे | ग़ज़ल -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
हाथ में हाथ मेरे | ग़ज़ल -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
देख लिया ग़ैर को | ग़ज़ल -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
हम मन में अपने विष कभी घोलते नहीं | ग़ज़ल -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
झूठ के साए में | ग़ज़ल -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
हमने किए जो वादे | ग़ज़ल -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
दो ग़ज़लें  -  कृष्ण सुकुमार | Krishna Sukumar
 
सीता का हरण होगा | सीता का हरण होगा | उदयभानु 'हंस' की ग़ज़ल -  उदयभानु 'हंस'
 
पल्लवी गोपाल गुप्ता की दो कविताएं -  पल्लवी गोपाल गुप्ता
 
जब धनुष सँभाला है | ग़ज़ल -  उदयभानु 'हंस'
 
जन-गण-मन साकार करो -  छेदीसिंह
 
देखो बापू | कविता -  पूनम शुक्ला
 
मुझको सरकार बनाने दो -  अल्हड़ बीकानेरी
 
तेरा हँसना कमाल था साथी | ग़ज़ल -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
अपना ग़म लेके | ग़ज़ल -  निदा फ़ाज़ली
 
हमने अपने हाथों में | ग़ज़ल -  उदयभानु हंस
 
क्षणिकाएँ  -  कोमल मेहंदीरत्ता
 
दीवाली के दीप जले -  ‘फ़िराक़’ गोरखपुरी
 
हम और वनवासी -  कुमार हर्ष
 
नए किस्से  -  अनन्य दूबे
 
ख़ाक -  अमर मंडल
 
कमला प्रसाद मिश्र | फीजी के कवि -  भारत-दर्शन संकलन
 
ताजमहल -  कमला प्रसाद मिश्र
 
मेरी कविता -  कमला प्रसाद मिश्र
 
खामोशियाँ -  राधा
 
मेरे दुख की कोई दवा न करो  | ग़ज़ल -  सुदर्शन फ़ाकिर
 
ऐसे में मनाएं बोलो कैसे गणतंत्र? -  योगेन्द्र मौदगिल
 
हमारा गणतंत्र -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
नया वर्ष हो मंगलकारी -  डॉ. राजीव कुमार सिंह
 
नया वर्ष  -  शास्त्री नित्यगोपाल कटारे
 
मोहन राणा - ब्रिटेन के हिंदी कवि -  भारत-दर्शन संकलन
 
घर | कविता -  मोहन राणा
 
अपना एक देस | कविता -  मोहन राणा
 
कही अल्लाह कही राम लिख देंगे -  यतीन्द्र श्रीवास्तव
 
उत्प्रवासी -  मोहन राणा
 
ग़ज़लें ही ग़ज़लें -  भारत-दर्शन संकलन
 
ना जाने मेरी जिंदगी यूँ वीरान क्यूँ है | ग़ज़ल -  डा अदिति कैलाश
 
वो जब भी | ग़ज़ल -  डा भावना
 
क्या ख़ास क्या है आम -  हस्तीमल हस्ती
 
तुझसे मिलकर हमें महसूस ये होता रहा है | ग़ज़ल -  डा भावना
 
हटाओ धूल ये रिश्ते संभाल कर रक्खो | ग़ज़ल -  अखिलेश कृष्णवंशी
 
जोगिन्द्र सिंह कंवल | फीजी के कवि -  भारत-दर्शन संकलन
 
भारतीय | कविता -  जोगिन्द्र सिंह कंवल
 
काव्य मंच पर होली -  बृजेन्द्र उत्कर्ष
 
होली आई - होली आई -  हर्ष कुमार
 
होली के गीत  -  भारत दर्शन संकलन
 
अरी भागो री भागो री गोरी भागो -  भारत दर्शन संकलन
 
कल कहाँ थे कन्हाई  -  भारत दर्शन संकलन
 
श्यामा श्याम सलोनी सूरत को सिंगार बसंती है -  घासीराम | Ghasiram
 
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद किशोर -  घासीराम | Ghasiram
 
बाबा साहब -  राज नारायण तिवारी
 
क्या मैं गूँगा, बहरा और अंधा हो जाऊं | ग़ज़ल -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
काव्य संकलन -  भारत-दर्शन
 
आम आदमी -  ब्रजभूषण भट्ट
 
छोटे से बड़ा -  शिव 'मृदुल'
 
नेताओं पर हास्य कविताएं | हास्य संग्रह -  भारत-दर्शन संकलन
 
कृष्ण उवाच -  बाबू लाल सैनी
 
पिंकी -  बाबू लाल सैनी
 
नेता जी की शिकायत -  प्रवीण शुक्ला
 
लोग क्या से क्या न जाने हो गए | ग़ज़ल -  डॉ. शम्भुनाथ तिवारी
 
हिंदी पर कवितांएं -  भारत-दर्शन संकलन
 
अनुपम भाषा है हिन्दी -  श्रीनिवास
 
हिंदी हम सबकी परिभाषा -  डा० लक्ष्मीमल्ल सिंघवी
 
गन्ने के खेतों में हिंदी के आखर  -  राकेश पाण्डेय
 
मेरी मातृ भाषा हिंदी  -  सुनीता बहल
 
आओ ! आओ ! भारतवासी । गीत  -  बाबू जगन्नाथ
 
एक भाव आह्लाद हो ! -  डॉ० इंद्रराज बैद 'अधीर'
 
हिन्दी भारत की भाषा -  श्रीमती रेवती
 
क्या कहें ज़िंदगी का फ़साना मियाँ | ग़ज़ल -  डॉ. शम्भुनाथ तिवारी
 
उग बबूल आया, चन्दन चला गया | ग़ज़ल -  संजय तन्हा
 
दस हाइकु -  अशोक कुमार ढोरिया
 
जहाँ जाते हैं हम... -  उदय प्रताप सिंह
 
तुमने मुझको देखा... -  श्री गिरिधर गोपाल
 
मैं तुम्हारी बांसुरी में.... -  नर्मदा प्रसाद खरे
 
ढूँढा है हर जगह पे... -  हस्तीमल हस्ती
 
मतदान आने वाले ,सरगर्मियाँ बढ़ीं | ग़ज़ल -  संजय तन्हा
 
नहीं कुछ भी बताना चाहता है -  डॉ.शम्भुनाथ तिवारी
 
हिन्‍दू या मुस्लिम के | ग़ज़ल  -  अदम गोंडवी
 
युगावतार गांधी -  सोहनलाल द्विवेदी
 
कर्मवीर मिस्टर गाँधी -  पांडेय लोचन प्रसाद शर्मा
 
इस दुनिया के रंग निराले -  रोहित कुमार हैप्पी
 
कुँअर बेचैन की ग़ज़लें  -  कुँअर बेचैन
 
मजदूर की पुकार  -  अज्ञात
 
गीत ही गीत | गीत संग्रह  -  भारत-दर्शन संकलन
 
चन्द्रमा की चाँदनी से भी नरम | गीत -  रमाकांत अवस्थी
 
तख्त बदला ताज बदला, आम आदमी का आज न बदला! -  आवेश हिन्दुस्तानी
 
जाने क्यों कोई शिकायत नहीं आती | ग़ज़ल -  डॉ. मनु प्रताप सिंह
 
आपसे सच कहूँ मौसम हूँ | ग़ज़ल -  सूबे सिंह सुजान
 
बिला वजह आँखों के | ग़ज़ल -  डॉ. शम्भुनाथ तिवारी
 
तूने मुझे निकलने को जब रास्ता दिया | ग़ज़ल -  सूबे सिंह सुजान
 
मैंने जाने गीत बिरह के -  आनन्द विश्वास
 
कुछ और नहीं है चाह मुझे | गीत -  कमलेश कुमार वर्मा
 
है वक्त बड़ा बलशाली -  प्रदीप कुमार तिवारी 'साथी'
 
मिलिए इस बहार से | गीत -  सुभाष
 
सुजाता की दो कविताएं  -  सुजाता
 
अभी होली दिवाली | ग़ज़ल -  शुभम् जैन
 
गुम होता बचपन -  डा. अदिति कैलाश
 
मिले न मुझको सच्चे मोती | गीत -  दिनेश गोस्वामी
 
दो पल | गीत -  शिवशंकर वशिष्ठ
 
ज़माना रिश्वत का -  यादराम शर्मा
 
कविता-कविता -  कौतुक बनारसी | हास्य कविता
 
तू है बादल -  लक्ष्मी शंकर वाजपेयी
 
हास्य काव्य संकलन -  भारत-दर्शन संकलन
 
नैराश्य गीत | हास्य कविता -  कवि चोंच
 
आरती शर्मा की क्षणिकाएँ -  आरती शर्मा
 
राजनैतिक होली -  डॉ एम.एल.गुप्ता आदित्य
 
शहीद पर लिखो -  ज्ञानवती सक्सेना
 
अपने देशवासियों के नाम -  बजरंग वर्मा
 
आज़ाद हिंद फौज के कौमी तराने | संकलन -  भारत-दर्शन संकलन
 
क़दम-क़दम बढ़ाये जा | अभियान गीत -  वंशीधर शुक्ल
 
शुभ सुख चैन की बरखा बरसे | क़ौमी तराना -  भारत-दर्शन संकलन
 
आजा़द हिन्‍द सेना ने जब -  कप्तान रामसिंह ठाकुर
 
हम देहली-देहली जाएँगे  -  मुमताज हुसैन
 
सुभाषजी | गीत -  मुमताज़ हुसैन
 
उठो सोए भारत के नसीबों को जगा दो -  जी.एस. ढिल्‍लों
 
हम भारत की बेटी हैं -  अज्ञात
 
होली कविताएं | संकलन -  भारत-दर्शन
 
रंग की वो फुहार दे होली -  गोविंद कुमार
 
रंग की वो फुहार दे होली -  गोविंद कुमार
 
रंगो के त्यौहार में तुमने -  राहुल देव
 
लिखना ज़रूरी है... -  डॉ॰ साकेत सहाय
 
दो कवितायें -  दिव्यदीप सिंह
 
क्यों दीन-नाथ मुझपै | ग़ज़ल -  अज्ञात
 
जो कुछ है मेरे दिल में -  अनिल कुमार 'अंदाज़'
 
द्रोणाचार्य | कविता -  डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी
 
तुझसंग रंग लगाऊँ कैसे -  प्रशांत कुमार पार्थ
 
अजब हवा है -  कृष्णा कुमारी
 
आओ होली खेलें संग -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
बलजीत सिंह की दो कविताएं  -  बलजीत सिंह
 
आज की होली  -  ललितकुमारसिंह 'नटवर'
 
मन में रहे उमंग तो समझो होली है | ग़ज़ल -  गिरीश पंकज
 
रंगों की मस्ती | गीत -  अलका जैन
 
खेलो रंग से | कविता -  डॉ. श्याम सखा श्याम
 
हर कोई है मस्ती का हकदार सखा होली में  -  डॉ. श्याम सखा श्याम
 
कभी पत्थर कभी कांटे कभी ये रातरानी है -  डॉ. श्याम सखा श्याम
 
दूर खिड़की पास दिल्ली -  मोहन राणा
 
यहाँ कुछ रहा हो | ग़ज़ल -  शमशेर बहादुर सिंह
 
क्या नहीं देखा | कविता -  मोहन राणा
 
अपने अलावा भी | कविता -  मोहन राणा
 
नक्शानवीस | कविता -  मोहन राणा
 
माँ -  मनीषा श्री
 
तेरा हाल मुझसे -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
भावना चंद की तीन कविताएं -  भावना चंद
 
आख़िर खुदकुशी करते हैं क्यों ? -  रवि श्रीवास्तव
 
विश्वनाथ प्रताप सिंह की दो क्षणिकाएँ  -  विश्वनाथ प्रतापसिंह
 
फैशन | हास्य कविता -  कवि चोंच
 
सूर्यभानु गुप्त की तीन त्रिपदियाँ  -  सूर्यभानु गुप्त
 
अमिता शर्मा की क्षणिकाएं  -  अमिता शर्मा
 
क्षणिका संकलन -  भारत-दर्शन संकलन
 
क्षणिका संकलन -  भारत-दर्शन संकलन
 
अभिमन्यु | क्षणिका -  रमाशंकर सिंह
 
दो क्षणिकाएँ -  नवल बीकानेरी
 
दो क्षणिकाएँ    -  मंगलेश डबराल
 
लक्ष्य | क्षणिका -  सौरभ सिंह
 
तुम्हारे स्नेह की छाया -  अमिता शर्मा
 
दुर्दिन  -  अलेक्सांद्र पूश्किन
 
वो तुम नहीं हो -  शिल्पा वशिष्ठ
 
दो ग़ज़लें -  बलजीत सिंह 'बेनाम'
 
बंदगी के सिवा ना हमें कुछ गंवारा हुआ -  रामकिशोर उपाध्याय
 
यमराज से मुलाक़ात -  मनीष सिंह
 
दुर्योधन सा सिंहासन है मिला -  प्रियांशु शेखर
 
सुबह-सवेरे -  राजबीर देसवाल
 
अनूदित काव्य -  भारत-दर्शन संकलन
 
अमिता शर्मा की दो क्षणिकाएं  -  अमिता शर्मा
 
सफलता -  वंदना
 
पंद्रह अगस्त, स्वतंत्रता दिवस पर कविताएं  -  भारत-दर्शन संकलन
 
घोटाला  -  गौरीशंकर मधुकर
 
नादानी -  डॉ. ऋषिपाल भारद्धाज
 
देश भक्ति कविताएं -  भारत-दर्शन संकलन
 
शुभेच्छा -  लक्ष्मीनारायण मिश्र
 
अविरल-गंगा -  रूपेश बनारसी
 
आत्म-दर्शन -  श्रीकृष्ण सरल
 
कौमी गीत  -  अजीमुल्ला
 
भारतवर्ष -  श्रीधर पाठक
 
मरना होगा | कविता -  जगन्नाथ प्रसाद 'अरोड़ा'
 
स्वतंत्रता दिवस की पुकार  -  अटल बिहारी वाजपेयी
 
आज़ादी से पहले के गीत -  भारत-दर्शन संकलन
 
फिर उठा तलवार -  रांगेय राघव
 
न इतने पास आ जाना .. -  भारत भूषण
 
धरती बोल उठी -  रांगेय राघव
 
हम आज भी तुम्हारे... -  भारत भूषण
 
मुक्ता -  सोहनलाल द्विवेदी
 
पहुँचे उनको मेरा सलाम -  क़ैस जौनपुरी
 
भारत न रह सकेगा ... -  शहीद रामप्रसाद बिस्मिल
 
सरफ़रोशी की तमन्ना  -  पं० रामप्रसाद बिस्मिल
 
सारे जहाँ से अच्छा -  इक़बाल
 
राजेश ’ललित’ की दो क्षणिकाएँ  -  राजेश ’ललित’
 
शायर बहुत हुए हैं--|  -  निज़ाम-फतेहपुरी
 
जय हिन्दी  -  रघुवीर शरण
 
किसान  -  सत्यनारायण लाल
 
तुमने कुछ नहीं कहा  -  अशोक लव
 
जब अन्तस में.... -  विनय शुक्ल 'अक्षत'
 
सबसे ख़तरनाक -  अवतार सिंह संधू 'पाश'
 
हिन्दी गान  -  महेश श्रीवास्तव
 
नववर्ष -  भवानी प्रसाद मिश्र
 
हमें गाँधी-नेहरू तो याद रहे -  भैरो सिंह
 
नई उड़ान -  सोहेल खान
 
ये शोर करता है कोई  -  मोहित कुमार शर्मा
 
प्रियंका सिंह की तीन कविताएं -  प्रियंका सिंह
 
काजू भुने पलेट में | ग़ज़ल  -  अदम गोंडवी
 
नीर नयनों में नहीं -  डॉ मधु त्रिवेदी
 
आई दिवाली -  मनोज चौधरी
 
आंखों में उसका चेहरा है | ग़ज़ल -  डा भावना
 
छलका दर्द  -  जयशंकर प्रसाद द्विवेदी
 
यह जो बादल है | ग़ज़ल -  डा भावना
 
नदियों के गंदे पानी को | ग़ज़ल -  डा भावना
 
डॉ सुधेश की पाँच कविताएं -  डॉ सुधेश
 
नव वर्ष कविता संकलन -  भारत-दर्शन संकलन
 
जो दीप बुझ गए हैं -  दुष्यंत कुमार
 
कभी दो क़दम.. | ग़ज़ल -  गुलाब खंडेलवाल
 
तुम मेरे आंसू .. -  भारत भूषण
 
मुबारक हो नया साल  -  नागार्जुन
 
शुभकामनाएँ -  कुमार विकल
 
आप क्यों दिल को बचाते हैं यों टकराने से | ग़ज़ल -  गुलाब खंडेलवाल
 
वर्ष नया -  अजित कुमार
 
नव वर्ष  -  सोहनलाल द्विवेदी
 
रुख से उनके हमें -  सुभाष श्याम सहर्ष
 
छोटी कविताएं -  मदन डागा
 
अक्कड़-बक्कड़ -  मदन डागा
 
प्यार मुझसे है तो -  बल्लभेश दिवाकर
 
क्यों हमें डर लगता है -  मनीष तुलसानी
 
काश! नए वर्ष में -  हलीम 'आईना'
 
नया वर्ष -  डॉ० राणा प्रताप गन्नौरी राणा
 
नववर्ष पर.. -  अमिता शर्मा
 
नये बरस में कोई बात नयी -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
नव वर्ष -  हरिवंशराय बच्चन
 
नया साल  -  भवानी प्रसाद मिश्र
 
नवल हर्षमय नवल वर्ष यह -  सुमित्रानंदन पंत
 
साथी, नया वर्ष आया है -  हरिवंशराय बच्चन
 
साल मुबारक!  -  अमृता प्रीतम
 
नये साल का पृष्ठ -  शिवशंकर वशिष्ठ
 
गए साल की -  केदारनाथ अग्रवाल
 
आओ, नूतन वर्ष मना लें -  हरिवंशराय बच्चन
 
नए साल की शुभकामनाएं -  सर्वेश्वरदयाल सक्सेना 
 
चेतक की वीरता -  श्याम नारायण पाण्डेय
 
जयरामजी की  -  प्रदीप मिश्र
 
यमराज का इस्तीफा -  अमित कुमार सिंह
 
सब फैसले होते नहीं... -  उदय प्रताप सिंह
 
इस दौर में... -  उदय प्रताप सिंह
 
झाँसी की रानी -  श्यामनारायण प्रसाद
 
ये किसने भीड़ में -  श्याम ‘निर्मम'
 
अपने होने का पता  -  विजयकुमार सिंघल
 
मन रामायण जीवन गीता -  सोम अधीर
 
ऐसा नहीं कि... -  रोहित कुमार हैप्पी
 
आजाद की मातृभूमि  -  संजय वर्मा
 
डॉ. राकेश जोशी की चार ग़ज़लें -  डॉ. राकेश जोशी
 
अभिशाप का वरदान -  कैलाश कल्पित
 
छोटे गीत -  चन्द्रकुँवर बर्त्वाल
 
मनोदशा -  कैलाश कल्पित
 
देवेन्द्र कुमार मिश्रा की कविताएं -  देवेन्द्र कुमार मिश्रा
 
सुशील सरना की दो कविताएँ  -  सुशील सरना
 
नीति के दोहे -  कबीर, तुलसी व रहीम
 
मलूकदास के दोहे -  मलूकदास
 
राकेश पांडेय की कवितायें -  राकेश पांडेय
 
पैसा -  डॉ. परमजीत ओबराय
 
उजड़ा चमन सा वतन देखता हूँ -  उत्कर्ष त्रिपाठी
 
प्रदीप मिश्र की चार कवितायें -  प्रदीप मिश्र
 
आओ ! आओ ! भारतवासी । -  बाबू जगन्नाथ
 
आज कैसी वीर, होली? -  क्षेमचन्द्र 'सुमन'
 
आज नई आई होली है -  उदयशंकर भट्ट
 
वृक्ष की चेतावनी -  अंशु शुक्ला
 
दो ग़ज़लें  -  सुनीता काम्बोज
 
गीत और गीतिका  -  सुनीता काम्बोज
 
उड़ान -  राज हंस गुप्ता
 
आदमी की वंदना करो -  डॉ नथमल झँवर
 
भविष्य कहीं गया  -  कुसुम दादसेना
 
तीन कविताएं -  संतोष कुमार “गौतम”
 
तीन कवितायें -  प्रदीप मिश्र
 
ग़ज़ल - अमन का फ़रमान  -  अफरंग
 
दो ग़ज़लें  -  डॉ भावना
 
ग़ज़ल  -  शुकदेव पटनायक 'सदा'
 
ग़ज़ल  -  गौरव सक्सेना
 
दो ग़ज़लें  -  अंकित
 
दो ग़ज़लें  -  अजय अज्ञात
 
ग़ज़ल  -  शशिकान्त मिश्रा
 
समय -  हर्षवर्धन व्यास
 
तुम्हें याद है ? -  यतेन्द्र कुमार
 
विश्व-बोध -  गौरीशङ्कर मिश्र ‘द्विजेन्द्र'
 
दास्तान- ए- मोहब्बत -  कुँवर राज "कविराज"
 
हिंदी हाइकु  -  भारत-दर्शन संकलन
 
विनोद कुमार दवे के हाइकु -  विनोद कुमार दवे
 
पर्यावरण पर हाइकु  -  लाल बिहारी लाल
 
माँ पर कुछ हाइकु  -  राजीव गोयल
 
कुछ हाइकु -  मनीषा सक्सेना
 
भक्ति दोहा संग्रह -  भारत-दर्शन संकलन
 
ग़ज़ल -  शुभांगिनी कुमारी चन्द्रिका
 
बदनाम शायर -  शुभांगिनी कुमारी 'चन्द्रिका'
 
डोरी पर दुनिया -  नम्रता सिंह
 
राखी  -  नज़ीर अकबराबादी
 
चाँद निकला -  सत्यनारायण पंवार
 
तीन कवितायें -  डॉ.प्रमोद सोनवानी
 
अँग्रेज़ी प्राणन से प्यारी। -  बरसाने लाल चतुर्वेदी
 
दो ग़ज़लें  -  शांती स्वरुप मिश्र
 
लड्डू -  हरीश पुरोहित
 
कुछ लिखोगे  -  मिताली खोड़ियार
 
ठण्डी का बिगुल -  सुशील कुमार वर्मा
 
नया सबेरा -  बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष
 
मोल करेगा क्या तू मेरा? -  भगवद्दत ‘शिशु'
 
तुझे फिर किसका क्या डर है  -  भगवद्दत ‘शिशु'
 
आगे गहन अँधेरा -  नेमीचन्द्र जैन
 
यारो उम्र गुज़ार दी | ग़ज़ल -  शांती स्वरूप मिश्र
 
कवि और कविता  -  मौसम कुमरावत
 
मनुष्य बनाये रखना -  विजय कुमार सिंह
 
हाँ, तुम जुगनू को | ग़ज़ल  -  रोहित कुमार हैप्पी
 
आया कुछ पल -  सोम नाथ गुप्ता
 
दिनेश भारद्वाज की दो रचनाएँ  -  दिनेश भारद्वाज
 
मत पूछिये क्यों... -  शेरजंग गर्ग
 
आँखों में रहा.. -  बशीर बद्र
 
अगर हम कहें... -  सुदर्शन फ़ाकिर
 
अहमद फ़राज़ की दो ग़ज़लें  -  अहमद फ़राज़
 
सुरेन्द्र शर्मा की हास्य कविताएं  -  सुरेन्द्र शर्मा
 
दिन को भी इतना अंधेरा  -  ज़फ़र गोरखपुरी
 
चेहरा जो किसी शख्स का... -  नरोत्तम शर्मा
 
गिरिधर कविराय की कुंडलिया -  गिरिधर कविराय
 
लोकतंत्र का ड्रामा देख  -  हलचल हरियाणवी
 
क्या कीजे -  प्रदीप चौबे
 
सबको लड़ने ही पड़े : दोहे  -  ज़हीर कुरैशी
 
अभी ज़मीर में... | ग़ज़ल -  जावेद अख़्तर
 
नारी -  अर्चना
 
अवध में राना भयो मरदाना -  लोक-साहित्य
 
जय जय जय अंग्रेजी रानी! -  डॉ. रामप्रसाद मिश्र
 
पेट महिमा -  बालमुकुंद गुप्त
 
आयुर्वेदिक देसी दोहे  -  भारत-दर्शन संकलन
 
रे रंग डारि दियो राधा पर -  शिवदीन राम
 
मोहन खेल रहे है होरी -  शिवदीन राम
 
हास्य ही सहारा है -  डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल
 
भिखारी -  प्रदीप चौबे
 
आदमी और दीवार -  मंगत बादल
 
विचित्र विवशता! -  मधुप पांडेय
 
लंच! प्रपंच!! -  मधुप पांडेय
 
तुलसी के प्रति  -  रामप्रसाद मिश्र 
 
चाहा कितनी बार कहूँ मैं -  राकेश खंडेलवाल
 
प्रिय तुम्हारी याद में  -  शारदा कृष्ण
 
माँ पर हाइकु -  अभिषेक जैन
 
खुशामद -  पं॰ हरिशंकर शर्मा
 
होली है आख़िर.. -  राजेन्द्र प्रसाद
 
मसख़रा मशहूर है... | हज़ल -  हुल्लड़ मुरादाबादी
 
प्रयोगवाद -  दिनेश कुमार गोयल
 
नया ‘वाद’ -  निशिकांत
 
उन्हें आज ... -  बेढब बनारसी
 
ढोल, गंवार... -  सुरेंद्र शर्मा
 
विरह का गीत -  कवि चोंच
 
बेधड़क दोहावली  -  बेधड़क
 
हँसाइयाँ -  बेधड़क बनारसी
 
होली पद  -  जुगलकिशोर मुख्तार
 
किस रंग खेलूँ अबके होली -  विवेक जोशी
 
अन्तस् पीड़ा का गहन जाल  -  सागर
 
कभी मिलना -  सलिल सरोज
 
विवर्त -  गोलोक बिहारी राय
 
अधूरापन और माखौल -  अमलेन्दु अस्थाना
 
खेल -  सूर्यजीत कुमार झा
 
वो गरीब आदमी -  हिमांशु श्रीवास्तव
 
शहीर जलाली की दो ग़ज़लें  -  शहीर जलाली
 
कभी घर में नहीं... -  बसंत कुमार शर्मा
 
एक सुबह  -  मंजू रानी
 
बिरवा तुलसी जी का है -  बृज राज किशोर 'राहगीर'
 
राजी खुशी लिख दो ज़रा -  भारत जैन
 
नित्य करो तुम योग -  शिवशंकर पटेल
 
कैसा विकास -  प्रभाकर माचवे
 
जबसे लिबासे-शब्द मिले -  दीपशिखा सागर
 
भारत भूमि -  तुलसीदास
 
हिंदुस्तान -  मनमोहन झा की
 
लक्ष्य-भेद -  मनमोहन झा की
 
सयाना -  गोलोक विहारी राय
 
कमल -  मयंक गुप्ता
 
तुम बेटी हो -  राधा सक्सेना
 
वो मजदूर कहलाता है -  राधा सक्सेना
 
एक बार फिर... -  व्यग्र पाण्डे
 
दूब -  मंजू रानी
 
चलो चलें -  शशि द्विवेदी
 
रोहित ठाकुर की तीन कविताएं  -  रोहित ठाकुर
 
शादी मत करना -  गौरीशंकर 'मधुकर'
 
हलीम 'आईना' के दोहे  -  हलीम 'आईना'
 
आदमी से अच्छा हूँ ....! -  हलीम 'आईना'
 
चेतावनी -  हरिकृष्ण प्रेमी
 
बेच डाला जिस्म... -  गिरीश पंकज
 
यह टूटा आदमी -  शिव नारायण जौहरी 'विमल'
 
1857  -  शिव नारायण जौहरी 'विमल'
 
संध्या नायर की दो ग़ज़लें  -  संध्या नायर
 
प्रेम रस -  अंतरिक्ष सिंह
 
हिंदुस्तान की शान है हिन्दी -  विकास कुमार
 
स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी  -  शिव शंकर पटेल
 
कविता  -  शिव प्रताप पाल
 
सोने के हिरन  -  कन्हैया लाल वाजपेयी
 
अश्कों ने जो पाया है -  साहिर लुधियानवी
 
अभिषेक कुमार सिंह की दो ग़ज़लें -  अभिषेक कुमार सिंह
 
जन्म-दिन -  वंदना भारद्वाज
 
हिंडोला -  अजय गुप्ता
 
पानी का रंग -  सुखबीर सिंह
 
कोमल मैंदीरत्ता की दो कविताएं -  कोमल मैंदीरत्ता
 
रंग गयी ज़मीं फिर से -  निशा मोहन
 
सैनिक  -  विश्वनाथ प्रसाद तिवारी
 
सैनिक अनुपस्थिति में छावनी -  वीरेन डंगवाल
 
मृत्यु-जीवन -  हरिशंकर शर्मा
 
जल को तरसे हैं ...  -  जया गोस्वामी
 
झूठों ने झूठों से... -  राहत इन्दौरी
 
तू शब्दों का दास रे जोगी -  राहत इन्दौरी
 
टूटा हुआ दिल... -  राहत इन्दौरी
 
शहीदों के प्रति  -  भोलानाथ दर्दी
 
वीर सपूत -  रवीन्द्र भारती | देशभक्ति कविता
 
जहाँ पेड़ पर... -  बशीर बद्र
 
एक बैठे-ठाले की प्रार्थना  -  पं० बदरीनाथ भट्ट
 
कैसा समय -  नासिर अहमद सिकन्दर
 
दुनिया मतलब की गरजी  -  द्यानत
 
पैरोडी -  कवि चोंच
 
अंजुम रहबर की दो ग़ज़लें  -  अंजुम रहबर
 
हिम्मत वाले पर -  डॉ दीपिका
 
पिता के दिल में माँ -  अमलेन्दु अस्थाना
 
हिन्दी-हत्या -  अरुण जैमिनी
 
राजनीतिक गठबंधन -  प्रवीण शुक्ल
 
बे-कायदा -  माया मृग
 
छाप तिलक सब छीनी -  अमीर खुसरो
 
सृजन-सिपाही -  श्रवण राही
 
चार हाइकु  -  तपेश
 
कुछ छोटी कवितायें  -  प्रीता व्यास
 
एक दरी, कंबल, मफलर -  अशोक वर्मा
 
रिश्ते, पड़ोस, दोस्त -  उर्मिलेश
 
हर एक चेहरे पर | ग़ज़ल -  शांती स्वरूप मिश्र
 
न जाने इस जुबां पे | ग़ज़ल -  शांती स्वरूप मिश्र
 
लेकर रेखा से कुछ बिन्दु | गीत  -  विजय रंजन
 
माँ! तुम्हारी याद  -  कोमल मेहंदीरत्ता
 
अनमोल सीख -  कोमल मेहंदीरत्ता
 
भारत वंदना  -  व्यग्र पाण्डे
 
कला की कसौटी -  शिवसिंह सरोज
 
मैं जग को पहचान न पाया -  भगवद्दत्त 'शिशु'
 
घर जला भाई का -  खुरशीद
 
आत्मा की फांक  -  चरण सिंह अमी
 
चंद्रशेखर आज़ाद -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
प्रेमचंद पर कविताएं  -  रोहित कुमार हैप्पी
 
प्रेमचन्द | नज़्म -  नज़ीर बनारसी
 
प्रेमचंद  -  गुलज़ार
 
चाय पर शत्रु-सैनिक -  विहाग वैभव
 
तू भी है राणा का वंशज  -  वाहिद अली 'वाहिद'
 
रंज इस का नहीं कि हम टूटे | ग़ज़ल -  सूर्यभानु गुप्त
 
गुरु महिमा दोहे -  भारत-दर्शन संकलन
 
बूढ़ा चेहरा  -  कोमल मैंदीरत्ता
 
भारत प्यारा -  आशीष यादव
 
वो पहले वाली बात कहाँ? -  मोहम्मद आरिफ
 
दोस्ती -  राकेश एल रॉबर्ट
 
गोरख पांडे की दो कविताएं  -  गोरख पांडे
 
आशा का गीत -  गोरख पांडे
 
कुछ तो सोचा ही होगा -  बालकवि बैरागी
 
हस्ताक्षर  -  राजेश चेतन
 
हिंदी पर दोहे  -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
राजभाषा तेरे लिए ..... -  जयप्रकाश शर्मा
 
मोह  -  शैलेन्द्र कुमार शर्मा
 
न हारा है इश्क़-- -  ख़ुमार बाराबंकवी
 
कच्चे-पक्के मकान -  सोमनाथ गुप्ता 'दीवाना रायकोटी'
 
दो छोटी कविताएँ -  दिनेश भारद्वाज
 
इस महामारी में -  डॉ. मनीष कुमार मिश्रा
 
झिलमिल आई है दीवाली -  भारत-दर्शन संकलन
 
जाम होठों से फिसलते -  शांती स्वरुप मिश्र
 
प्रदूषण का नाम प्लास्टिक -  कुमार जितेन्द्र "जीत"
 
हर लम्हा ज़िंदगी के-- -  सूर्यभानु गुप्त
 
ग़ज़ल  -  ए. डी राही
 
सुन ले मेरा गीत -  बहज़ाद लखनवी
 
पुष्पा भारद्वाज-वुड की दो कविताएँ -  डा॰ पुष्पा भारद्वाज-वुड
 
प्रीता व्यास की दो कविताएँ -  प्रीता व्यास
 
खोया हुआ सा बचपन -  माधुरी शर्मा ' मधु'
 
बेटी -  अंकिता वर्मा
 
गुर्रमकोंडा नीरजा की कविताएं  -  गुर्रमकोंडा नीरजा
 
काग़ज़ फाड़ दिए -  दीपक शर्मा
 
बोलो फिर कैसे मुस्काएं -  विजय कनौजिया
 
मेरे देश की आवाज़  -  ज्योति स्वामी "रोशनी"
 
माना, गले से सबको -  प्राण शर्मा
 
मिलती हैं आजकल  -  गुलशन मदान की गज़ल
 
चाहता हूँ चुप रहे -  विजय कुमार सिंह
 
अकारण  -  राजीव वाधवा
 
मेरा दिल मोम सा -  सुनीता शर्मा
 
उदासियों का मौसम---  -  शांती स्वरुप मिश्र
 
मोबाइल में गुम बचपन  -  डॉ दीपिका
 
टुकड़े-टुकड़े दिन बीता -  मीनाकुमारी
 
कुमार नयन की दो ग़ज़लें  -  कुमार नयन
 
परमात्मा रोया होगा -  संतोष सिंह क्षात्र
 
मीठी लोरी  -  डाक्टर सईद अहमद साहब 'सईद' बरेलवी
 
रोचक दोहे  -  विकल
 
थोड़ा इंतजार -  राहुल सूर्यवंशी
 
सीख -  हितेष पाल
 
सीख लिया -  प्रभा मिश्रा
 
चले तुम कहाँ -  नरेश कुमारी
 
काश !  -  साकिब उल इस्लाम
 
औरत फूल की मानिंद है  -  रश्मि विभा त्रिपाठी
 
जै-जै कार करो -  अजातशत्रु
 
स्वीकार करो  -  रूपा सचदेव
 
पिछली प्रीत -  जाँ निसार अख्तर
 
मौत की रेल -  डॉ॰ चित्रा राठौड़
 
आत्मचिंतन -  डॉ॰ कामना जैन
 
अभिशापित जीवन -  डॉ॰ गोविन्द 'गजब'
 
कब तक लड़ोगे -  बेबी मिश्रा
 
मशगूल हो गए वो -  रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
ग़रीबों, बेसहारों को -  सर्वेश चंदौसवी
 
मुक्तक -  ताराचंद पाल 'बेकल'
 
प्रक्रिया -  श्रीकांत वर्मा
 
काम बनता हुआ भी बिगड़े सब | ग़ज़ल -  अंकुर शुक्ल 'अनंत'
 
ये दुनिया तुम को रास आए तो कहना | ग़ज़ल -  जावेद अख्तर
 
बात सच्ची कहो | ग़ज़ल -  निज़ाम फतेहपुरी
 
कोमल मैंदीरत्ता की दो कवितायें  -  कोमल मैंदीरत्ता
 
गठरी में ज़रूरत का ही सामान रखियेगा | ग़ज़ल  -  ज़फ़रुद्दीन "ज़फ़र"
 
अहम की ओढ़ कर चादर -  अमिताभ त्रिपाठी 'अमित'
 
साहित्य -  प्रताप नारायण मिश्र
 
कोरोना हाइकु  -  सत्या शर्मा 'कीर्ति'
 
है मुश्किलों का दौर -  शांती स्वरुप मिश्र
 
ख़ुदा पर है यक़ीं जिसको | ग़ज़ल -  निज़ाम फतेहपुरी
 
मेरे बच्चे तुझे भेजा था  -  अलका जैन
 
अल्लामा प्रभु की कविताएं -  अल्लामा प्रभु
 
अगर तुम राधा होते श्याम -  काजी नज़रुल इस्लाम
 
वारिस शाह से -  अमृता प्रीतम
 
जिनसे हम छूट गये -  राही मासूम रजा
 
एक भारत मुझमें बसता है -  आराधना झा श्रीवास्तव
 
कुछ दोहे -  डॉo सत्यवान सौरभ
 
मिट्टी की खुशबू -  डॉ अनीता शर्मा
 
कोरोना हाइकु -  बासुदेव अग्रवाल नमन
 
प्रदूषण -  बासुदेव अग्रवाल नमन
 
ये दुनिया हमें रास आई नहीं | ग़ज़ल -  सलिल सरोज
 
खेत में तपसी खड़ा है -  भैयालाल व्यास
 
बदलकर आंसुओं की धार | गीत -  तुलसी
 
आओ साथी जी लेते हैं -  अमिताभ त्रिपाठी 'अमित'
 
सिर्फ़ बातें नहीं अब वह बात चाहिए  -  ममता मिश्रा, नीदरलैंड
 
युग-पुरुष बापू अमर हो -  सुमित्रा कुमारी सिन्हा
 
वज्रपात ! -  रामधारी सिंह दिनकर
 
प्रणाम | पूज्य बापू को श्रद्धांजलि -  महादेवी वर्मा
 
असहयोग कर दो -  गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही'
 
तुम काग़ज़ पर लिखते हो -  भवानीप्रसाद मिश्र
 
बापू के प्रति -  सुमित्रानंदन पंत
 
तुम हो महान  -  तारा पांडेय
 
हम गाँधी की प्रतिभा के इतने पास खड़े -  हरिवंशराय बच्चन
 
बापू महान, बापू महान -  नागार्जुन
 
महात्मा गांधी  -  साग़र निज़ामी
 
महात्माजी के प्रति -  मैथिलीशरण गुप्त
 
प्यारे बापू | बाल कविता -  सियाराम शरण गुप्त
 
साबरमती के सन्त | गीत  -  कवि प्रदीप
 
श्रद्धांजलि -  मैथिलीशरण गुप्त
 
गाँधीजी के बन्दर तीन | बाल कविता -  बालस्वरूप राही
 
बच्चो, चलो चलाएं चरखा | बाल कविता -  आनन्द विश्वास
 
लोहे को पानी कर देना  -  सुभद्राकुमारी चौहान
 
प्रार्थना  -  रामकुमार वर्मा
 
राम की जल समाधि -  भारत भूषण
 
दिवाली वर्णन  -  सोमनाथ
 
लौट रहा हूँ गांव -  अमलेन्दु अस्थाना
 
नया साल मुबारक | ग़ज़ल -  शिव मोहन सिंह 'शुभ्र'
 
सड़कें खाली हैं -  डॉ साकेत सहाय
 
जो पाया नहीं है | ग़ज़ल -  ज़फ़रुद्दीन ज़फ़र
 
रोटी की कीमत  -  महेन्द्र देवांगन 'माटी'
 
सात कविताएँ -  डॉ. वंदना मुकेश
 
नव वर्ष 2021 -  राजीव कुमार गुप्ता
 
मीठी यादें बचपन की  -  मोनिका वर्मा
 
धन्यवाद ! गलियो, चौराहो -  भारत भूषण
 
कुछ दोहे -  अमिताभ त्रिपाठी 'अमित'
 
श्रवण राही के मुक्तक  -  श्रवण राही
 
मॉरीशस के चार कवियों की कविताएँ -  भारत-दर्शन संकलन
 
दो क्षणिकाएँ -  डॉ पुष्पा भारद्वाज-वुड
 
दो ग़ज़लें -  राजीव कुमार सिंह
 
पीपल की छांव में  -  उत्तरा गुरदयाल
 
यादें -  सुएता दत्त चौधरी
 
कहाँ तक बचाऊँ ये-- | ग़ज़ल -  ममता मिश्रा
 
वो बचा रहा है गिरा के जो -  निज़ाम-फतेहपुरी
 
मैं सबको आशीष कहूँगा -  नरेन्द्र दीपक
 
अभिलाषा -  राजकुमारी गोगिया
 
बटोही, आज चले किस ओर? -  भगवद्दत्त ‘शिशु'
 
भला क्या कर लोगे? -  डॉ. शैलेश शुक्ला
 
दो पल को ही गा लेने दो -  शिवशंकर वशिष्ठ
 
स्काइप की डोर  -  गुलशन सुखलाल
 
कविता सतत अधूरापन  -  कविता वाचक्नवी
 
परिवर्तन | गीत -  ताराचन्द पाल 'बेकल'
 
दो ग़ज़लें  -  विनीता तिवारी
 
चाह  -  श्रीमन्नारायण अग्रवाल
 
देश-विदेश के हिंदी हाइकु -  भारत-दर्शन संकलन
 
भजन संकलन -  भारत-दर्शन संकलन
 
अजब हैरान हूँ भगवन् -  अज्ञात
 
दुनिया मतलब की -  द्यानतराय
 
पाँच क्षणिकाएँ  -  नवल बीकानेरी
 
सोचो -  राजीव कुमार सिंह
 
खड़ी आँगन में अगर | ग़ज़ल -  शांती स्वरुप मिश्र
 
ज़हन में गर्द जमी है--- -  ज़फ़रुद्दीन ज़फ़र
 
भारत माँ की लोरी -  देवराज दिनेश
 
वतन का राग -  अफ़सर मेरठी
 
वो चुप रहने को कहते हैं | नज़्म -  राम प्रसाद 'बिस्मिल'
 
दो क्षणिकाएं -  विनोद बापना
 
यह भारतवर्ष हमारा है -  अमित अहलावत
 
मुस्कुराकर चल मुसाफिर -  गोपाल दास 'नीरज'
 
आगे बढ़ेंगे  -  अली सरदार जाफ़री
 
भारत माँ के अनमोल रतन -  डॉ. कुमारी स्मिता
 
व्यथा एक जेब कतरे की -  डॉ रामकुमार माथुर
 
फोटो -  डॉ पंकज गौड़
 
नारी -  अमिता शर्मा
 
हमन है इश्क मस्ताना -  कबीर
 
अबू बिन आदम और देवदूत  -  जेम्स हेनरी ली हंट
 
अमर शहीदों को नमन -  डॉ. सुमन सुरभि
 
शहरों में बस्तियां -  ज़फ़रुद्दीन ज़फ़र
 
आदमी आदमी को क्‍या देगा | ग़ज़ल -  सुदर्शन फ़ाकिर
 
गिरिधर की कुण्डलिया -  गिरिधर कविराय
 
एक बरस बीत गया -  अटल बिहारी वाजपेयी
 
नया साल आए -  दुष्यंत कुमार
 
मैं करती हूँ चुमौना  -  अलका सिन्हा
 
दिल के मचल रहे मेरे -  निज़ाम-फतेहपुरी
 
शेर होकर भी--- -  ज़फ़रुद्दीन ज़फ़र
 
नया साल : नया गीत -  विनिता तिवारी
 
इस महामारी में  -  डॉ मनीष कुमार मिश्रा
 
भला करके बुरा बनते रहे हम -  डॉ राजीव कुमार सिंह
 
तीन हाइकु -  पवन कुमार जैन
 
जड़ें -  ममता मिश्रा 
 
हुल्लड़ के दोहे  -  हुल्लड़ मुरादाबादी
 
बकरी  -  हलीम आईना
 
हे कविता -  मनीषा खटाटे
 
छन-छन के हुस्न उनका | ग़ज़ल -  निज़ाम-फतेहपुरी
 
जिंदगी | गीत -  प्रभजीत सिंह
 
हिसाबे-इश्क़ है साहिब | ग़ज़ल -  अरविन्द कुमार सिंहानिया
 
जीत जाएंगे -  प्रिंस सक्सेना 
 
ओ मेरी साँसों के दीप ! -  अशोक दीप
 
प्रेम की चार कवितायें -  डॉ मनीष कुमार मिश्रा
 
नेतावाणी-वंदना | हास्य कविता -  डॉ रामप्रसाद मिश्र
 
दायरा | हास्य कविता -  नेहा शर्मा
 
लोग टूट जाते हैं | ग़ज़ल -  बशीर बद्र
 
बयानों से वो बरगलाने लगे हैं -  डॉ राजीव सिंह
 
धीरे-धीरे प्यार बन गई -  नर्मदा प्रसाद खरे
 
कुछ मुक्तक  -  भारत-दर्शन संकलन
 
ज़िन्दगी को औरों की -  ज़फ़रुद्दीन ज़फ़र
 
मेरे हिस्से का आसमान -  प्रो॰ बीना शर्मा
 
यूँ कहने को बहकता जा रहा हूँ -  नरेश शांडिल्य
 
मैं लड़ूँगा -  डॉ. सुशील शर्मा
 
उठ बाँध कमर -  मौलाना ज़फ़र अली ख़ाँ
 
झूठी प्रीत -  एहसान दानिश
 
मदन डागा की दो कविताएँ -  मदन डागा
 
लोग उस बस्ती के यारो | ग़ज़ल -  सुरेन्द्र चतुर्वेदी
 
नम्रता पर दोहे -  सुशील शर्मा
 
कमलेश भट्ट कमल के हाइकु -  कमलेश भट्ट कमल
 
लेख की माँग -  ईश्वरीप्रसाद शर्मा
 
मैं परदेशी... | गीत -  चंद्रप्रकाश वर्मा 'चंद्र'
 
अच्छे दिन आने वाले हैं -  महेंद्र शर्मा
 
टूट कर बिखरे हुए... -  ज़फ़रुद्दीन ज़फ़र
 
गोरख पांडेय की दो कविताएं -  गोरख पांडेय
 
हक़ | क्षणिका -  सुफला सेठी
 
जिंदगी इक सफ़र है | ग़ज़ल -  निज़ाम-फतेहपुरी
 
ज़ख्म को भरने का दस्तूर होना चाहिए -  ज़फ़रुद्दीन ज़फ़र
 
कैसी लाचारी -  अश्वघोष
 
इन्द्र-धनुष -  मंगलप्रसाद विश्वकर्मा
 
मन के धब्बे | गीत -  गोकुलचंद्र शर्मा
 
तेरा रूप | षट्पद -  गुरुराम भक्त
 
रेलमपेल -  प्रदीप चौबे
 
क्यों निस दिन... | हिंदी ग़ज़ल -  अलताफ़ मशहदी
 
रूख़ सफ़र का... | ग़ज़ल -  अनन्य राय पराशर
 
जोगी का गीत -  पंडित इंद्रजीत शर्मा
 
बंदी पंछी | गीत -  सैयद मुतलवी फ़रीदाबादी
 
प्रणम्य काशी -  डॉ॰ सुशील शर्मा
 
मेरी आरज़ू रही आरज़ू | ग़ज़ल -  निज़ाम-फतेहपुरी
 
बिटिया रानी -  विनोद कुमार दूबे
 
गणतंत्र-दिवस -  ज्ञानेंद्रपति
 
बीता पचपन | गीत -  क्षेत्रपाल शर्मा
 
सबके बस की बात नहीं है -  गिरेन्द्रसिंह भदौरिया
 
एप्रिल फूल  -  प्रो० मनोरंजन
 
पाँच हाइकु -  डॉ. भगवतशरण अग्रवाल
 
सरल हैं; कठिन है | हास्य-व्यंग्य -  चिरंजीत
 
कैसी लाचारी | हास्य-व्यंग्य -  अश्वघोष
 
रत्नावली के दोहे -  रत्नावली
 
बीरबल का सवैया -  बीरबल
 
टूटी माला बिखरे मनके | गीत -  मनोहरलाल ‘रत्नम
 
रौद्रनाद -  गिरेन्द्रसिंह भदौरिया "प्राण"
 
विनीता तिवारी की दो ग़ज़लें -  विनीता तिवारी
 
जीत में यकीन कर -  शंकर शैलेन्द्र
 
दिल्ली पर दो कविताएं  -  वेणु गोपाल और विष्णु नागर
 
रह जाएगा बाकी... -  नमिता गुप्ता 'मनसी'
 
मेरा सफ़र -  संजय कुमार सिंह
 
पारित प्रस्ताव -  पद्मेश गुप्त
 
दैवीय रूप नारी -  गिरेन्द्र सिंह भदौरिया 'प्राण'
 
यह कैसा दौर है -  सोम नाथ गुप्ता
 
होली (फाल्गुन पूर्णिमा) -  आचार्य मायाराम पतंग
 
मँजी -  मधु खन्ना
 
फगुनिया दोहे -  डॉ सुशील शर्मा
 
तड़पते दिल के लिए -  उपेन्द्र कुमार
 
शक के मुंह में | ग़ज़ल -  अजहर हाशमी
 
चुम्मन चाचा की होली | कुंडलियाँ -  डॉ सुशील शर्मा
 
तीन कविताएं  -  डॉ सुशील शर्मा
 
अल्बेयह कैमू का अनूदित काव्य -  भारत-दर्शन संकलन
 
शानदार | क्षणिका -  शैलेन्द्र चौहान
 
कविता का अर्थ -  मदन डागा
 
मैं अकेला और भी... -  ज़फ़रुद्दीन ज़फ़र
 
यह बता : एक प्रश्न -  महेश भागचन्दका
 
आने वाले वक़्त के -  कंवल हरियाणवी
 
ख़ुशी अपनी करे साझी -  प्राण शर्मा
 
कानून मिला हमको  -  प्रदीप चौबे
 
बारह हाइकु  -  मुकेश कुमार श्रीवास्तव
 
बनारस -  बेढब बनारसी
 
गिरिधरराय की कुण्डलियाँ -  गिरिधर कविराय
 
बड़ी तुम्हारी भूल -  श्रीधर पाठक
 
चमकता रहूँ माँ -  नरेन्द्र कुमार
 
मैं खुद में हूँ पूरी  -  सोनाली सिंह
 
याद  -  डॉ. अनुराग कुमार मिश्र
 
मनीष कुमार मिश्रा की दो ग़ज़लें  -  मनीष कुमार मिश्रा
 
डॉ हर्षा त्रिवेदी की तीन कविताएं -  डॉ हर्षा त्रिवेदी
 
कर-जुग -  नज़ीर अकबराबादी
 
कुछ दोहे  -  श्याम लाल शर्मा
 
ये मत पूछो... -  प्रदीप चौबे
 
पूत-कपूत | हास्य-कविता -  अल्हड़ बीकानेरी 
 
बसा ले अपने मन में प्रीत | गीत -  हफीज़ जालंधरी 
 
आँखों में रहा दिल में... | ग़ज़ल -  बशीर बद्र
 
नित नई नाराज़गी... | ग़ज़ल -  प्राण शर्मा
 
गाँधी -  सागर निज़ामी
 
दुनिया -  दीवाना रायकोटी
 
देवता तो हूँ नहीं -  रमानाथ अवस्थी
 
समय का पहिया -  गोरख पांडेय
 
दुआ -  मौलाना मुहम्मद हुसैन 'आज़ाद'
 
विपर्यय -  रंजू मिश्रा
 
रत्न-करण -  श्रीनाथ सिंह
 
मैं आत्मलीन हूँ -  लक्ष्मीकांत वर्मा
 
कलमकार पर कुंडलियाँ -  राम औतार पंकज
 
सत्य-असत्य में अंतर -  शरदेन्दु शुक्ल 'शरद'
 
स्वाभिमानी व्यक्तित्व -  भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
 
तीन तरह के लोग -  प्रदीप चौबे
 
नये जीवन का गीत -  आरसी प्रसाद सिंह 
 
मैं न हारा | गीत -  मन्जू लाल द्विवेदी शील
 
ज़माना आ गया... -  बलबीर सिंह रंग
 
एक गहरा दर्द... | ग़ज़ल -  अश्वघोष
 
किस्से नहीं हैं ये किसी... -  ज़हीर कुरेशी
 
पापा-आपा -  अल्हड़ बीकानेरी
 
ताजमहल -  अरुण जैमिनी
 
हमें अपनी हिंदी... | ग़ज़ल -  देवी नागरानी

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