यदि पक्षपात की दृष्टि से न देखा जाये तो उर्दू भी हिंदी का ही एक रूप है। - शिवनंदन सहाय।

तख्त बदला ताज बदला, आम आदमी का आज न बदला! (काव्य)

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Author: आवेश हिन्दुस्तानी

महाराष्ट्र में धरती के पाँच लालों ने की, आर्थिक तंगीवश खुदकुशी,
छत्तीसगड में 8 महिलाओं की सरकारी शिविर लापरवाही ने जान ली !
राजस्थान में पचास साल की महिला को सरेआम निर्वस्त्र घुमाया,
अच्छे दिनों के सपनों ने हमें किस हकीकत में ला पहुँचाया ?
तख्त बदला ताज बदला, आम आदमी का आज न बदला !

एम्स में एक ने बुलन्द की थी जिसके विरुद्ध ईमान की आवाज,
उसी के हिमायती को पहनाया गया स्वास्थ्य-मंत्री का ताज,
अर्थात ईमानदार से लिया ही जायेगा ईमानदारी का बदला,
तख्त बदला ताज बदला पर आम आदमी का आज न बदला ।

राजाओं के राज की तरह आज भी एक फैसला लिया गया,
नये मंत्री द्वारा रेलकर्मियों को इनाम उद्घोषित किया गया,
जो रेलकर्मी रेल क्रौसिंग प्रकल्प में भूमिका निभायेगा,
उसे पाँच लाख का नकद इनाम दिया जायेगा ।
रेलकर्मी सरकारी सेवा में होने से पहले ही सुखी सम्पन्न है,
असंगठित मजदूर, मजबूर किसान इन फैसलों से मरणासन्न है !
तख्त बदला ताज बदला, आम आदमी का आज न बदला!

-आवेश हिन्दुस्तानी

 

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