अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।

नया वर्ष (काव्य)

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Author: डॉ० राणा प्रताप गन्नौरी राणा

नया वर्ष आया नया वर्ष आया,
नया हर्ष लाया नया हर्ष लाया ।

नया साज़ छेड़ें नया गीत गाएं,
गए साल की हैं जो बातें भुलाएं

नया हौसला हो नयी हों उमंगें,
ख़्यालों के अन्दर नयी हों तरंगें ।

नए स्वप्न हों कल्पनाएँ नयी हों,
दिशाएँ नई योजनाएं नयी हों ।

नए जोश से काम में मग्न हों हम,
पढ़ाई लिखाई में संलग्न हों हम ।

- डॉ० राणा प्रताप सिंह गन्नौरी

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Posted By Arun   on Saturday, 13-Jan-2018-11:23
Good collection. Thanks.
 
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