यह संदेह निर्मूल है कि हिंदीवाले उर्दू का नाश चाहते हैं। - राजेन्द्र प्रसाद।

प्रेमचंद पर कविताएं  (काव्य)

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Author: रोहित कुमार हैप्पी

Prem Chand Par Kavitayen

प्रेमचंद को उपन्यास सम्राट और कथा सम्राट कहा जाता है।  प्रेमचंद विराट व्यक्तित्त्व के मालिक थे।  अनेक  कवियों ने प्रेमचंद पर कविताएं रची हैं।  नज़ीर बनारसी प्रेमचंद की याद में कहते हैं:

"बनके टूटे दिलों की सदा प्रेमचन्द।
 देश से कर गये है वफा प्रेमचन्द।
 जब कि पूरी जवानी प’ था साम्राज।
 उस ज़माने के है रहनुमा प्रेमचन्द।
         देखने में शिकस्ता-सा एक साज़ है।
         साथ लाखों दुखे दिल की आवाज़ है।"

गौरीशंकर मिश्र द्वजेन्द्र को प्रेमचंद की हिन्दी-उर्दू  बहुत भाती है, वेअपनी कविता 'प्रेमचन्द' में लिखते हैं --

"हिंदी-उर्दू बहन-बहन को गले मिलाया।
आपस के चिर बैर भाव को मार भगाया।
रोती हिंदी इधर, उधर उर्दू बिलखाती;
भला आज क्यों तुम्हें नहीं करुणा कुछ आती?"

गुलज़ार ने 2005 में प्रेमचंद की 125वीं जयंती पर अपनी नज़्म में प्रेमचंद को बहुत खूबसूरती से बयाँ किया है --

'प्रेमचंद की सोहबत तो अच्छी लगती है
लेकिन उनकी सोहबत में तकलीफ़ बहुत है..."

सचमुच प्रेमचंद की कहानियों के पात्र अपनी अमिट छाप के साथ  पाठक के मन-मस्तिष्क पर छा जाते हैं।  होरी, हामिद, धनिया, निर्मला, घीसू  और झोकू जैसे जाने कितने किरदार प्रेमचंद की कथा-कहानियों में अमर हो गए।  

'रुबाई सम्राट' के रूप में लोकप्रिय रहे, 'उदयभानु हंस' जैसे साहित्यकार जानते हैं कि प्रेमचंद जैसे साहित्यकार सदियों में जन्म लेते हैं, तभी तो वे कहते है--

"कौन अब सुनाएगा, दर्द हमको माटी का
प्रेमचंद गंगा है, हुआ लापता निराला है।"  

 

- रोहित कुमार हैप्पी 

 

विशेष: यहाँ प्रेमचंद पर विभिन्न कवियों की कविताएँ संकलित की गई हैं।  

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