जब हम अपना जीवन, जननी हिंदी, मातृभाषा हिंदी के लिये समर्पण कर दे तब हम किसी के प्रेमी कहे जा सकते हैं। - सेठ गोविंददास।

होली कविताएं | संकलन (काव्य)

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Author: भारत-दर्शन

होली की कविताओं का संकलन।

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राजनैतिक होली
रंगो के त्यौहार में तुमने
तुझसंग रंग लगाऊँ कैसे
आओ होली खेलें संग
होली है आख़िर..
होली पद
किस रंग खेलूँ अबके होली
 
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