प्रत्येक नगर प्रत्येक मोहल्ले में और प्रत्येक गाँव में एक पुस्तकालय होने की आवश्यकता है। - (राजा) कीर्त्यानंद सिंह।

उत्प्रवासी (काव्य)

Print this

Author: मोहन राणा

महाद्वीप एक से दूसरे तक ले जाते अपनी भाषा
दुनिया और किसी अज्ञात के बीच एक घर साथ
ले जाते आम और पीपल का गीत
ले जाते कोई ग्रीष्म कोई दोपहर
ले जाते सूटकेस में गठरी एक साथ,
बाँध लेते अजवाइन का पराँठा भी सफर के लिए
लेते जाते अपने पुरचनियों का एक सपना जीते
लंबी रात जिसकी और दिन उनींदा

- मोहन राणा

#

* पुरचनियों - पुरखे

Back

 
Post Comment
 
 
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश