जब मैं
छोटा था
जिंदगी
'सुखी' थी
बड़ा हुआ
जिंदगी
'सूखी' हो गई
अंतर
कुछ नहीं आया
बड़ा होने के साथ
'उ' की मात्रा
बड़ी हो गई।
- शिव 'मृदुल'
[साभार - पानी की लकीर]
छोटे से बड़ा (काव्य) |
जब मैं
छोटा था
जिंदगी
'सुखी' थी
बड़ा हुआ
जिंदगी
'सूखी' हो गई
अंतर
कुछ नहीं आया
बड़ा होने के साथ
'उ' की मात्रा
बड़ी हो गई।
- शिव 'मृदुल'
[साभार - पानी की लकीर]