मजहब को यह मौका न मिलना चाहिए कि वह हमारे साहित्यिक, सामाजिक, सभी क्षेत्रों में टाँग अड़ाए। - राहुल सांकृत्यायन।
 
भगवान राम की 108 फुट ऊंची प्रतिमा का शिलान्यास (विविध)     
Author:रोहित कुमार हैप्पी

23 जुलाई 2023 (नई दिल्ली ): आंध्र प्रदेश के कुरनूल में भगवान श्रीराम की 108 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार, 23 जुलाई को आंध्रप्रदेश के कुरनूल में भगवान श्रीराम की 108 फुट ऊंची प्रतिमा का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शिलान्यास किया।

मंत्रालयम गांव राघवेंद्र स्वामी के मंदिर के लिए बहुत प्रसिद्ध है। साथ ही इस स्थान का ऐतिहासिक महत्व भी है। इसी तुंगभद्रा के किनारे महान विजय नगर साम्राज्य का उद्भव हुआ था जिसने आक्रांताओं को खदेड़ कर स्वधर्म को पुनस्र्थापित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में कई वर्षों से लंबित श्रीराम मंदिर का शिलान्यास कर उसके निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया है।

इस अवसर पर अपने संबोधन में शाह ने कहा कि प्रभु श्रीराम की यह प्रतिमा युगों-युगों तक समग्र दुनिया को हमारे सनातन धर्म का संदेश देगी और वैष्णव परंपरा को देश और दुनिया में मजबूत करेगी। शाह ने कहा कि 108 हमारी हिंदू संस्कृति में बहुत ही पवित्र संख्या है। शाह ने कहा कि तुंगभद्रा नदी के किनारे मंत्रालयम गांव के 10 एकड़ क्षेत्र में फैली यह परियोजना ढाई साल में पूरी होगी।

इस अवसर पर भारत के गृह मंत्री शाह ने कहा कि कुरनूल के मंत्रालयम गांव में 500 करोड़ रुपए से अधिक लागत की श्रीराम की भव्य पंचलोहा प्रतिमा का शिलान्यास हुआ है। उन्होंने कहा कि मंत्रालयम में स्थापित यह 108 फीट ऊंची प्रभु श्रीराम की प्रतिमा युगों-युगों तक समग्र दुनिया को हमारे सनातन धर्म का संदेश देगी और वैष्णव परंपरा को देश और दुनिया में मजबूत करेगी। 108 हमारी हिन्दू संस्कृति में बहुत ही पवित्र संख्या है।

अमित शाह ने कहा कि मंत्रालयम गांव राघवेंद्र स्वामी के मंदिर के लिए बहुत प्रसिद्ध है। साथ ही इस स्थान का ऐतिहासिक महत्व भी है। इसी तुंगभद्रा के किनारे महान विजय नगर साम्राज्य का उद्भव हुआ था, जिसने आक्रांताओं को खदेड़ कर स्वधर्म को पुनस्र्थापित किया।

गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में कई वर्षों से लंबित श्रीराम मंदिर का शिलान्यास कर उसके निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया है। अब जल्द ही श्रीराम मंदिर में रामलला की मूर्ति की स्थापना होगी। सैकड़ों वर्षों के बाद एक बार फिर प्रभु श्रीराम अपने निज गृह में विराजमान होंगे।

विजयनगर साम्राज्य की स्थापना दक्षिण भारत के आधुनिक कर्नाटक राज्य में तुंगभद्रा नदी तट पर हुई थी। इसका असली नाम कर्नाट साम्राज्य था। इसकी स्थापना दो भाइयों हरिहर और बुक्का ने की थी। अपने पराक्रम के चलते दक्षिण के इतिहास की जब भी बात होती है तो विजयनगर साम्राज्य का जिक्र जरूर किया जाता है। तालीकोटा में हुए खतरनाक युद्ध में जीत के बाद मुस्लिमों ने राजधानी विजयनगर को लूट लिया था और इसी के साथ दक्षिण के अंतिम हिंदू साम्राज्य का अंत हो गया था।

- रोहित कुमार हैप्पी

 

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