मजहब को यह मौका न मिलना चाहिए कि वह हमारे साहित्यिक, सामाजिक, सभी क्षेत्रों में टाँग अड़ाए। - राहुल सांकृत्यायन।
 
भव्य अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र का लोकार्पण  (विविध)     
Author:रोहित कुमार हैप्पी

प्रधानमंत्री मोदी प्रगति मैदान में विकसित भव्य अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र को बुधवार को करेंगे राष्ट्र को समर्पित


25 जुलाई 2023 (नयी दिल्ली) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 जुलाई को राजधानी के प्रगति मैदान में नवनिर्मित अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी-एवं-सम्मेलन केंद्र (आईईसीसी) परिसर राष्ट्र को समर्पित करेंगे।

भारत की अध्यक्षता में जी20 की शिखर बैठक का सितंबर में आयोजन इसी परिसर में होने वाला है। सरकार ने इस परिसर की भव्यता प्रदर्शित करने वाला एक वीडियो भी जारी किया है। यह परिसर देश में बड़ी बैठकों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों की मेजबानी के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के विकास के संबंध में मोदी सरकार की सोच का परिणाम बताया गया है। यह देश में अब तक का सबसे बड़ा सम्मेलन एवं प्रदर्शनी परिसर है। इसे 2700 करोड़ रुपये की लागत से एक राष्ट्रीय परियोजना के रूप में विकसित किया गया है।। इसमें प्रगति मैदान में सम्मेलन एवं प्रदर्शनी की पुरानी सुविधाओं को नया रूप दिया गया है और वहां एक नव निर्माण किया गया है। लगभग 123 एकड़ क्षेत्र के साथ प्रगति मैदान का आईईसीसी परिसर भारत में इस तरह की सबसे बड़ी सुविधा बतायी गयी है। इसकी गणना दुनिया के शीर्ष प्रदर्शनी और सम्मेलन परिसरों में होगी। इस परिसर में सम्मेलन केंद्र, प्रदर्शनी हॉल, खुले रंगमंच जैसी कई अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की गयी हैं।

यह परिसर नए रूप में विकसित किए जा रहे प्रगति मैदान परिसर का केंद्रबिंदु है। इसके भव्य बहुउद्देश्यीय कक्ष और महाधिवेशन कक्ष की संयुक्त क्षमता सात हजार है, जो ऑस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध सिडनी ओपेरा हाउस में बैठने की क्षमता से भी अधिक है। इसका शानदार एम्फीथिएटर ( खुला रंगमंच) 3,000 व्यक्तियों की बैठने की क्षमता से सुसज्जित है। सम्मेलन केंद्र का वास्तुशिल्प भारतीय परंपराओं से प्रेरित है और आधुनिक सुविधाओं और जीवन शैली को अपनाने के साथ-साथ अपने अतीत में भारत के आत्मविश्वास और दृढ़ विश्वास को भी दर्शाता है।

इमारत का आकार शंख (शंख) से लिया गया है। इसकी दीवारें और अग्रभाग भारत की पारंपरिक कला और संस्कृति के कई तत्वों की झांकी प्रस्तुत करते हैं। इसमें 'सौर शक्ति', सौर ऊर्जा के दोहन में भारत के प्रयास, दुनिया को 'शून्य' की भारत की देन, अंतरिक्ष विज्ञान में देश की प्रगति, तथा सृष्टि के निर्माण में आधारभूत पंच महाभूत खंडों-- आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी की अवधारणा को भी प्रदर्शित करता है। इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों की विभिन्न पेंटिंग और जनजातीय कला रूप कन्वेंशन सेंटर की शोभा बढ़ाते हैं। मूर्तियां, स्थापत्य और भित्ति-चित्र भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करते हैं। संगीतमय फव्वारे आकर्षण और दर्शनीयता का तत्व जोड़ते हैं; तालाब, झीलें और कृत्रिम जलधाराएँ जैसे जल निकाय यहाँ शांति और सौंदर्य को बढ़ाते हैं।

कन्वेंशन सेंटर को इस तरह के परिसरों के लिए आवश्यक सभी सुविधाएं को उनके अत्याधुनिक रूप के साथ सम्पन्न किया गया है। इनमें 5जी सक्षम वाई-फाई, 10जी इंट्रानेट कनेक्टिविटी, 16 विभिन्न भाषाओं का समर्थन करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित दुभाषिया कक्ष, आधुनिक प्रकाश प्रबंधन प्रणाली, एकीकृत निगरानी प्रणाली और ऊर्जा-कुशल केंद्रीकृत एयर कंडीशनिंग प्रणाली शामिल हैं।

आईईसीसी में आगंतुकों की सुविधा एक प्राथमिकता है, जो 5,500 से अधिक वाहन पार्किंग स्थानों के प्रावधान में परिलक्षित होती है। सिग्नल-मुक्त सड़कों के माध्यम से पहुंच में सुगमता यह सुनिश्चित करती है कि आगंतुक बिना किसी कठिनाई के कार्यक्रम स्थल तक पहुंच सकें। इसके अतिरिक्त, समग्र डिज़ाइन उपस्थित लोगों के आराम और सुविधा को प्राथमिकता देता है, जिससे आईईसीसी परिसर के भीतर निर्बाध आवाजाही की सुविधा मिलती है।

प्रगति मैदान में नए आईईसीसी परिसर के विकास से भारत को वैश्विक व्यापार गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने में सहायता मिलेगी। यह व्यापार और वाणिज्य को आगे बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।

- रोहित कुमार हैप्पी

Previous Page  |  Index Page  |   Next Page
 
 
Post Comment
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश