साहित्य की उन्नति के लिए सभाओं और पुस्तकालयों की अत्यंत आवश्यकता है। - महामहो. पं. सकलनारायण शर्मा।
 
पहले जनाब कोई... (काव्य)     
Author:अदम गोंडवी

पहले जनाब कोई शिगूफ़ा उछाल दो
फिर कर का बोझ क़ौम की गर्दन पर डाल दो

रिश्वत को हक़ समझ के जहाँ ले रहे हों लोग
है और कोई मुल्क तो उसकी मिसाल दो

औरत तुम्हारे पाँव की जूती की तरह है
जब बोरियत महसूस हो घर से निकाल दो

चीनी नहीं है घर में लो मेहमान आ गए
महँगाई की भट्ठी में शराफ़त उबाल दो

- अदम गोंडवी


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