हमारी हिंदी भाषा का साहित्य किसी भी दूसरी भारतीय भाषा से किसी अंश से कम नहीं है। - (रायबहादुर) रामरणविजय सिंह।
 

दो क्षणिकाएँ (काव्य)

Author: नवल बीकानेरी

पाँव के नीचे से 
निकल गई 
एक छोटी सी कीड़ी,
बड़ी-सी बात कहकर 
कि
मारने वाले से 
बचाने वाला बड़ा है। 

-नवल बीकानेरी

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एक मुट्ठी में आज है 
एक मुट्ठी में कल 
कौन-सी मुट्ठी खोलूँ 
तू सोचकर बता दे। 

-नवल बीकानेरी 

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