साहित्य की उन्नति के लिए सभाओं और पुस्तकालयों की अत्यंत आवश्यकता है। - महामहो. पं. सकलनारायण शर्मा।
 

रावण वध | दशहरा की पौराणिक कथा (कथा-कहानी)

Author: भारत-दर्शन संकलन

रामचंद्रजी के बनवास काल के उपरांत लंका नरेश रावण रामचंद्रजी की पत्नी सीता का अपहरण कर लंका ले जाता है। भगवान श्री राम अपनी पत्नी सीता को रावण के बंधन से मुक्त कराने हेतु भाई लक्ष्मण, भक्त हनुमान एवं वानरों की सेना के साथ मिलकर रावण के साथ युद्ध किया।

युद्ध के दौरान श्री रामजी नौ दिनों तक युद्ध की देवी मां दुर्गा की पूजा करते हैं तथा दसवें अर्थात दशमी के दिन रावण का वध करते हैं। अंतत: सीता को बंधन से मुक्त कराते हैं।

 

 

Back

 
Post Comment
 
 
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश