उर्दू जबान ब्रजभाषा से निकली है। - मुहम्मद हुसैन 'आजाद'।
 

दिशा (कथा-कहानी)

Author: फ़्रेंज़ काफ़्का

'बहुत दुख की बात है,' चूहे ने कहा, 'दुनिया दिन प्रतिदिन छोटी होती जा रही है। पहले यह इतनी बड़ी थी कि मुझे बहुत डर लगता था। मैं दौड़ता ही रहा था और जब आखिर में मुझे अपने दाएँ-बाएँ दीवारें दिखाई देने लगीं थीं तो मुझे खुशी हुई थी। पर यह लंबी दीवारें इतनी तेजी से एक दूसरे की तरफ बढ़ रही हैं कि मैं पलक झपकते ही आखिर छोर पर आ पहुँचा हूँ; जहाँ कोने में वह चूहेदानी रखी है और मैं उसकी ओर बढ़ता जा रहा हूँ।'

'जहाँ दिशा बदलने की जरूरत है, बस ।' बिल्ली ने कहा, और उसे खा गई ।

-फ़्रेंज़ काफ़्का
अनुवाद - सुकेश साहनी

 

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