उर्दू जबान ब्रजभाषा से निकली है। - मुहम्मद हुसैन 'आजाद'।
 

बे-कायदा (काव्य)

Author: माया मृग

जब भी मैं
जागने की
कोशिश करता हूँ
सो जाता हूँ।
पर अक्सर
जागता हूँ
जब भी बाकायदा
सोने की
कोशिश करता हूँ।
यह बात
सीधे तौर पर
मुझे समझाती है
कि जीवन
बाकायदा नहीं
अपनी ही
मरजी से
चलता है।

--माया मृग
[शब्द बोलते हैं]

 

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