उर्दू जबान ब्रजभाषा से निकली है। - मुहम्मद हुसैन 'आजाद'।
 

साँप!

 (काव्य) 
 
रचनाकार:

 अज्ञेय | Ajneya

साँप!

तुम सभ्य तो हुए नहीं
नगर में बसना
भी तुम्हें नहीं आया।

एक बात पूछूँ- (उत्तर दोगे?)
तब कैसे सीखा डँसना-

विष कहाँ पाया?

- अज्ञेय

 

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Posted By nirmala   on
इतने कम शब्दों में इससे बड़ी बात नही कही जा सकती
 
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