समाज और राष्ट्र की भावनाओं को परिमार्जित करने वाला साहित्य ही सच्चा साहित्य है। - जनार्दनप्रसाद झा 'द्विज'।
 
तृतीय विश्व हिंदी सम्मेलन, नई दिल्ली, भारत (विविध)       
Author:रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड

तृतीय विश्व हिंदी सम्मेलन 28-30 अक्टूबर, 1983 नई दिल्ली, भारत में आयोजित किया गया था।


तृतीय विश्व हिंदी सम्मेलन में पारित प्रस्ताव:

अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में हिंदी के प्रचार-प्रसार की संभावनाओं का पता लगा कर इसके लिए गहन प्रयास किए जाएं।
हिंदी के विश्वव्यापी स्वरूप को विकसित करने के‍ लिए विश्व हिंदी विद्यापीठ स्थापित करने की योजना को मूर्त रूप दिया जाए।
विगत दो सम्मेलनों में पारित संकल्पों की संपुष्टि करते हुए यह निर्णय लिया गया कि अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में हिंदी के विकास और उन्नयन के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक स्थायी समिति का गठन किया जाए। इस समिति में देश-विदेश के लगभग 25 व्यक्ति सदस्य हों।

 

 

Back
 
 
Post Comment
 
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश