साहित्य की उन्नति के लिए सभाओं और पुस्तकालयों की अत्यंत आवश्यकता है। - महामहो. पं. सकलनारायण शर्मा।
 
तीन कवयित्रियां (काव्य)       
Author:काका हाथरसी | Kaka Hathrasi

कवि सम्मेलन के मंच पर कल रात,
तीन कवयित्रियां कर रहीं थी बात।

पहली बोली :
"हमारे विवाह में दिल्ली बैंड आया था।"

दूसरी ने कहा :
"मेरी शादी में आगरा बैंड आया था।"

तीसरी कुमारी मुस्काई :
"मेरी मैरिज में तो 'हसबैंड' आयेगा।"

-काका हाथरसी

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