साहित्य की उन्नति के लिए सभाओं और पुस्तकालयों की अत्यंत आवश्यकता है। - महामहो. पं. सकलनारायण शर्मा।
 
समकालीन (काव्य)       
Author:गोरख पाण्डेय

कहीं चीख उठी है अभी 
कहीं नाच शुरू हुआ है अभी
कहीं बच्चा हुआ है अभी
कहीं फौजें चल पड़ी हैं अभी

-गोरख पांडेय 

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