वही भाषा जीवित और जाग्रत रह सकती है जो जनता का ठीक-ठीक प्रतिनिधित्व कर सके। - पीर मुहम्मद मूनिस।
 
कैंप गीत (बाल-साहित्य )       
Author:डॉ. वंदना मुकेश | इंग्लैंड

इक नया भारत यहाँ बसाएंगे
नये इस बगीचे को प्यार से सजाएंगे

चुन-चुन के फूल लाएँ
महके चमन हमारा
आओ यहाँ बनाएँ
हिंदोस्तां न्यारा
इक नया भारत यहाँ बसाएंगे
नये इस बगीचे को प्यार से सजाएंगे

भाषाएँ कितनी भी हों
पहचान एक ही है
गायेंगे मिल के हम सब
गूँजेगी प्रेमभाषा।
इक नया भारत यहाँ बसाएंगे
नये इस बगीचे को प्यार से सजाएंगे।

भारत के हम सिपाही
भारत के गीत गायेंगे
भारत का गौरव हम
विश्व में फैलायेंगे।
इक नया भारत यहाँ बसाएंगे
नये इस बगीचे को प्यार से सजाएंगे।

-वंदना मुकेश, यू के
 ईमेल: vandanamsharma@hotmail.co.uk

Back
 
 
Post Comment
 
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश