हिंदी चिरकाल से ऐसी भाषा रही है जिसने मात्र विदेशी होने के कारण किसी शब्द का बहिष्कार नहीं किया। - राजेंद्रप्रसाद।
 

67वें गणतंत्र-दिवस की संध्या पर राष्ट्रपति का देशवासियों को संदेश

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