Warning: session_start(): open(/tmp/sess_a7490dfac997fcc4623f222d9e1e3e07, O_RDWR) failed: No such file or directory (2) in /home/bharatdarshanco/public_html/child_lit_details_amp.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /tmp) in /home/bharatdarshanco/public_html/child_lit_details_amp.php on line 1
 लाल बहादुर शास्त्री | कविता | Lal Bahadur Shastri - Hindi Poem
हिंदी जाननेवाला व्यक्ति देश के किसी कोने में जाकर अपना काम चला लेता है। - देवव्रत शास्त्री।
 
लाल बहादुर शास्त्री | कविता (बाल-साहित्य )     
Author:डा. राणा प्रताप सिंह गन्नौरी 'राणा'

लालों में वह लाल बहादुर,
भारत माता का वह प्यारा।
कष्ट अनेकों सहकर जिसने,
निज जीवन का रूप संवारा।

तपा तपा श्रम की ज्वाला में,
उस साधक ने अपना जीवन।

बना लिया सच्चे अर्थों में,
निर्मल तथा कांतिमय कुंदन।

सच्चरित्र औ' त्याग-मूर्ति था,
नहीं चाहता था आडम्बर।
निर्धनता उसने देखी थी,
दया दिखाता था निर्धन पर।

नहीं युद्ध से घबराता था,
विश्व-शांति का वह दीवाना।
इसी शांति की बलवेदी पर,
उसे ज्ञात था मर-मिट जाना।

-डा राणा प्रताप सिंह गन्नौरी
साभार - मीठे बोल


Previous Page  | Index Page  |   Next Page
 
 
Post Comment
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश