Warning: session_start(): open(/tmp/sess_dde5818cffb6c68691cad91891115012, O_RDWR) failed: No such file or directory (2) in /home/bharatdarshanco/public_html/child_lit_details_amp.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /tmp) in /home/bharatdarshanco/public_html/child_lit_details_amp.php on line 1
 चंद्रशेखर आज़ाद | गीत | Chandrashekhar Azad Geet by Rohit Kumar Happy
हिंदी जाननेवाला व्यक्ति देश के किसी कोने में जाकर अपना काम चला लेता है। - देवव्रत शास्त्री।
 
चंद्रशेखर आज़ाद | गीत  (काव्य)     
Author:रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड

शत्रुओं के प्राण उन्हें देख सूख जाते थे 
ज़िस्म जाते काँप, मुँह पीले पड़ जाते थे
                   देश था गुलाम पर 'आज़ाद' वे कहाते थे।

पल में बदल भेष फुर्र हो जाते थे 
तंत्र खुफिया को, नाकों चने चबवाते थे 
                   देश था गुलाम पर 'आज़ाद' वे कहाते थे।

'हूँ मैं आज़ाद और रहूंगा आज़ाद ही'
विप्लवी साथियों को, शान से बताते थे 
                    देश था गुलाम पर 'आज़ाद' वे कहाते थे।

जीते-जी 'आज़ाद' को पकड़ कौन पाएगा ?
सुन सिंहनाद बड़े-बड़े हिल जाते थे 
                    देश था गुलाम पर 'आज़ाद' वे कहाते थे।

भीलों के सखा निशाना ऐसा वे लगाते थे 
देखें सब दंग, मुँह खुले रह जाते थे 
                    देश था गुलाम पर 'आज़ाद' वे कहाते थे।

 

- रोहित कुमार 'हैप्पी' 
  न्यूज़ीलैंड

Previous Page  | Index Page  |   Next Page
 
 
Post Comment
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश