हिंदी और नागरी का प्रचार तथा विकास कोई भी रोक नहीं सकता'। - गोविन्दवल्लभ पंत।
 

आजाद की मातृभूमि  (काव्य)

Author: संजय वर्मा

अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली भाभरा को चंद्रशेखर आजाद नगर घोषित किये जाने पर समर्पित कविता :-


शहीदों की क़ुरबानी से, हुआ देश आजाद हमारा है
लहराता है जब तिरंगा ,लगता कितना प्यारा है

*
कश्मीर से कन्याकुमारी तक, भारत को सबने संवारा है
मिली आजादी से भारत, अब लगता कितना प्यारा है
बहती गंगा-जमुना सी नदियाँ, यहाँ की पावन धारा है
लहराता है जब तिरंगा, लगता कितना प्यारा है
शहीदों की क़ुरबानी से, हुआ देश आजाद हमारा है
*
आजाद होने के लिए सबने भारत माँ को पुकारा है
भारत माँ का वंदन करके, शहीदों ने सब को तारा है
खुली बेड़ियाँ शहीदों से, अब तो स्वतंत्रता ही सहारा है

लहराता है जब तिरंगा, लगता कितना प्यारा है
शहीदों की क़ुरबानी से, हुआ देश आजाद हमारा है
*
वन्दे मातरम के नारों को ,मिलकर सबने पुकारा है
भारत के कर्णधारों को, तब भारत माँ ने दुलारा है
"आजाद "की मातृभूमि का, भाभरा कितना प्यारा है
लहराता है जब तिरंगा, लगता कितना प्यारा है
शहीदों की क़ुरबानी से, हुआ देश आजाद हमारा है
*

संजय वर्मा "दर्ष्टि "
१२५,शहीद भगत सिंग मार्ग
मनावर जिला -धार (म.प्र.)

ई-मेल: antriksh.sanjay@gmail.com

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