किसी साहित्य की नकल पर कोई साहित्य तैयार नहीं होता। - सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'।
 

अथ हिन्दी कथा (विविध)

Author: भारत-दर्शन संकलन

अथ हिन्दी कथा एक अविस्मरणीय प्रस्तुति रही। हिंदी भाषा पर आधारित इस प्रस्तुति साहित्य के साथ-साथ संगीत और नाट्य का कलात्मक मिश्रण था। यह प्रस्तुति प्रसिद्ध कोरियोग्राफर मैत्रेयी पहाड़ी के निर्देशन में 200 कलाकारों के अथक परिश्रम से संभव हो पाई। इसका लेखन उषा छाबड़ा व कास्ट्युम डिजाइनर मुमताज खान ने किया था।

बोलियों ने अपनी कथा कही तो समय चक्र के द्वारा हिन्दी के विकास में राम-कृष्ण, बुद्ध व मीरा से लेकर अमीर खुसरो, विद्यापति, जायसी, सूर, तुलसी, कबीर और जयशंकर प्रसाद समेत तमाम हिन्दी साधकों को याद किया गया। भारतीय संस्कृति ओर सभ्यता के अनमोल क्षण आंखों के सामने जीवंत हो उठे। कथक, बधाई, मालवी मटकी, भरतनाट्यम, छाऊ और कल्लारि पट्टू ने इस कथा का अनूठा शृंगार किया।

दसवें विश्व हिंदी सम्मेलन में 58 मिनट की यह संगीतमय नृत्य-नाटिका एक विशेष प्रस्तुति थी। भाषा और साहित्यकारों पर आधारित हिंदी के विकास व समृद्धि की यह कथा अनुपम थी।

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