हिंदी चिरकाल से ऐसी भाषा रही है जिसने मात्र विदेशी होने के कारण किसी शब्द का बहिष्कार नहीं किया। - राजेंद्रप्रसाद।
 

होली | बाल कविता (बाल-साहित्य )

Author: गुलशन मदान

रंगों का त्योहार है होली
खुशियों की बौछार है होली

लाल गुलाबी पीले देखो
रंग सभी रंगीले देखों

पिचकारी भर-भर ले आते
इक दूजे पर सभी चलाते

होली पर अब ऐसा हाल
हर चेहरे पर आज गुलाल

आओ यारो इसी बहाने
दुश्मन को भी चलो मनाने

-गुलशन मदान

 

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