जिस देश को अपनी भाषा और अपने साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता। - देशरत्न डॉ. राजेन्द्रप्रसाद।
 
इन्सान (कथा-कहानी)     
Author:अजना अनिल

एक दिन वो नगर के कई लोगों से मिला।

सबने अपने-अपने नाम बताकर परिचय दिया ।

लेकिन उसे बेहद कोफ़्त हुई ।

'कि काश! कोई तो कह देता यार!'

- मैं क्या हूँ? कौन हूँ? क्यों पूछते हो?
हूँ तो सिर्फ इन्सान ही!

- अजना अनिल [साक्षात्कार]

 

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