हिंदी चिरकाल से ऐसी भाषा रही है जिसने मात्र विदेशी होने के कारण किसी शब्द का बहिष्कार नहीं किया। - राजेंद्रप्रसाद।
 
रामनवमी | 10 अप्रैल 2022
   
 

राजा दशरथ के पुत्र भगवान राम को समर्पित है। उन्हें "मर्यादा पुरूषोतम" कहा जाता है। भगवान रामचंद्र सदाचार का प्रतीक हैं। यह त्‍यौहार शुक्‍ल पक्ष की 9वीं तिथि ( अप्रैल ) में राम के जन्‍म दिन रूप में मनाया जाता है।

भगवान राम को उनके सुख-समृद्धिपूर्ण व सदाचार युक्‍त शासन के लिए याद किया जाता है यथा अच्छे शासन को 'राम-राज्य' की संज्ञा दी जाती है। उन्‍हें भगवान विष्‍णु का अवतार माना जाता है, जो पृथ्‍वी पर अजेय रावण से युद्ध लड़ने के लिए आए।

रामनवमी के दिन श्रद्धालु बड़ी संख्‍या में मन्दिरों में जाते हैं और राम-भजन करते हैं तथा उसके जन्‍मोत्‍सव का आयोजन किया जाता है। उनकी मूर्तियों को पालने में झुलाते हैं।

राजा राम की कहानी का वर्णन करने के तुलसी रामायण से पाठ किया जाता है। भगवान राम का जन्‍म स्‍थान अयोध्‍या रामनवमी त्‍यौहार का मुख्य केंद्र है। राम, उनकी पत्‍नी सीता, भाई लक्ष्‍मण व भक्‍त हनुमान की रथ यात्राएं जाती हैं।


रामनवमी पूजन-विधि

इस दिन हिंदू घरों में रामनवमी का पूजन किया जाता है। पूजा के लिए आवश्‍यक वस्‍तुएं, रोली, चावल, जल, फूल, एक घंटी और एक शंख होते हैं। पूजा के पश्चात् परिवार की सबसे छोटी कन्या/महिला परिवार के सभी सदस्‍यों को टीका लगाती है। पूजा में भाग लेने वाला प्रत्‍येक व्‍यक्ति पहले देवताओं पर जल, रोली छिड़कता है। तत्पश्चात् मूर्तियों पर मुट्ठी भरकर चावल छिड़का जाता है। फिर सभी खड़े होकर आ‍रती करते हैं तथा इसके अंत में गंगाजल अथवा सादा जल सभी पर छिड़का जाता है। पूरी पूजा के दौरान भजन गान चलता रहता है। अंत में पूजा के लिए एकत्रित सभी को प्रसाद वितरित किया जाता है।

न्यूज़ीलैंड के हिंदू विशेषत: फिजी से आए भारतीय रामनवमी बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। भगवान राम व रामचरितमानस अत्यंत लोकप्रिय है।


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Ramnavmi Festival

 
 
 
 

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