हिंदी और नागरी का प्रचार तथा विकास कोई भी रोक नहीं सकता'। - गोविन्दवल्लभ पंत।
 
नवरात्रि
   
 

 

नवरात्रि का त्योहार नौ दिनों तक चलता है। इन नौ दिनों में तीन देवियों पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। पहले तीन दिन पार्वती के तीन स्वरूपों (कुमार, पार्वती और काली), अगले तीन दिन लक्ष्मी माता के स्वरूपों और आखिरी के तीन दिन सरस्वती माता के स्वरूपों की पूजा करते हैं।

नवरात्रि के नौ दिनों में आदिशक्ति माता दुर्गा के उन नौ रूपों का भी पूजन किया जाता है। माता के इन नौ रूपों को नवदुर्गा के नाम से भी जाना जाता है। नवरात्रि के इन्हीं नौ दिनों पर मां दुर्गा के जिन नौ रूपों का पूजन किया जाता है वे हैं - पहला शैलपुत्री, दूसरा ब्रह्माचारिणी, तीसरा चन्द्रघन्टा, चौथा कूष्माण्डा, पाँचवा स्कन्द माता, छठा कात्यायिनी, सातवाँ कालरात्रि, आठवाँ महागौरी, नौवां सिद्धिदात्री।

 

 
नवरात्र उत्सव व नवरात्रि की कथाएं
वर्ष में दो बार अश्विन और चैत्र मास में नौ दिन के लिए उत्तर से दक्षिण भारत में नवरात्र उत्सव मनाया जाता है। कहा जाता है कि यदि संपूर्ण दुर्गा सप्तशती पाठ न भी कर सकें तो निम्नलिखित श्लोकों को पढ़ने से सम्पूर्ण दुर्गा सप्तशती और नवदुर्गाओं के पूजन का फल प्राप्त हो जाता है।

 
 
 

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