Author's Collection
Total Number Of Record :3सुखी आदमी
आज वह रोया
यह सोचते हुए कि रोना
कितना हास्यास्पद है
वह रोया
मौसम अच्छा था
धूप खिली हुई
सब ठीक-ठाक
सब दुरुस्त
बस खिड़की खोलते ही
सलाखों से दिख गया
ज़रा-सा आसमान
और वह रोया
फूटकर नहीं
जैसे जानवर रोता है माँद में
...
कुछ सूत्र जो एक किसान बाप ने बेटे को दिए
मेरे बेटे
कुँए में कभी मत झाँकना
जाना
पर उस ओर कभी मत जाना
जिधर उड़े जा रहें हों
काले-काले कौए
हरा पत्ता
कभी मत तोड़ना
और अगर तोड़ना तो ऐसे
कि पेड़ को जरा भी
न हो पीड़ा
रात को रोटी जब भी तोड़ना
तो पहले सिर झुकाकर
...
भिखारी ठाकुर
विषय कुछ और था
शहर कोई और
पर मुड़ गई बात भिखारी ठाकुर की ओर
और वहाँ सब हैरान थे यह जानकर
कि पीते नहीं थे वे
क्योंकि सिर्फ़ वे नाचते थे
और खेलते थे मंच पर वे सारे खेल
जिन्हें हवा खेलती है पानी से
या जीवन खेलता है
...