Author's Collection
Total Number Of Record :3मर्द
आधी रात में उठकर कहां गई थी?"
शराब में धुत्त पति बगल में आकर लेटी पत्नी पर गुर्राया।
"आंखों को कोहनी से ढांकते हुए पत्नी ने जवाब दिया, "पेशाब करने!"
"एतना देर कइसे लगा?"
"पानी पी-पीकर पेट भरेंगे तो पानी निकलने में टेम नहीं लगेगा?"
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भूख | कहानी
आहट सुन लक्ष्मा ने सूप से गरदन ऊपर उठाई। सावित्री अक्का झोंपड़ी के किवाड़ों से लगी भीतर झांकती दिखी। सूप फटकारना छोड़कर वह उठ खड़ी हुई, ‘‘आ, अंदर कू आ, अक्का।'' उसने साग्रह सावित्री को भीतर बुलाया। फिर झोंपड़ी के एक कोने से टिकी झिरझिरी चटाई कनस्तर के करीब बिछाते हुए उस पर बैठने का आग्रह करती स्वयं सूप के निकट पसर गई।
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रिश्ता
लगभग बाईस दिनों तक 'कोमा' में रहने के बाद जब उसे होश आया था तो जिस जीवनदायिनी को उसने अपने करीब, बहुत निकट पाया था, वे थी, मारथा मम्मी। अस्पताल के अन्य मरीजों के लिए सिस्टर मारथा। वह पुणे जा रहा था... खंडाला घाट की चढ़ाई पर अचानक वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। ज़ख्मी अवस्था में नौ घंटे तक पड़े रहने के बाद एक यात्री ने अपनी गाड़ी से उसे सुसान अस्पताल में दाखिल करवाया...पूरे चार महीने बाद वह अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। चलते समय वह मारथा मम्मी से लिपटकर बच्चे की तरह रोया। उन्होंने उसके माथे पर ममत्व के सैकड़ों चुंबन टांक दिए - 'गॉड ब्लेस यू माय चाइल्ड...।' डॉ कोठारी से उसने कहा भी था, ''डॉक्टर साहब ! आज अगर मैं इस अस्पताल से मैं जिंदा लौट रहा हूँ तो आपकी दवाइयों और इंजेक्शनों के बल पर नहीं, मारथा मम्मी के प्यार के बल पर। ''
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