शिक्षा के प्रसार के लिए नागरी लिपि का सर्वत्र प्रचार आवश्यक है। - शिवप्रसाद सितारेहिंद।
कही अल्लाह कही राम लिख देंगे (काव्य)  Click to print this content  
Author:यतीन्द्र श्रीवास्तव

कही अल्लाह कही राम लिख देंगे !
इंक़लाब का तूफ़ान लिख देंगे !!
जितना मर्ज़ी चाहे मिटा लो दुनिया वालो !
हम ज़र्रे ज़र्रे में हिंदुस्तान लिख देंगे !!

ज़मीने बदल गई , आसमान बदल गए !
इक चादर में सोने वालो के मकाँ बदल गए !!
इस बदलाव के नाम एक पैग़ाम लिख देंगे !
हम हर उगते हुए माथे पे एक हिंदुस्तान लिख देंगे !!

सच कि तलाश में आईने निकल गए !
अँधेरा इतना गर्म था कि उजाले पिघल गए !!
हम ऐसे मौसम के नाम फ़रमान लिख देंगे !
मंदिरो कि हवाओं पे अ- सलाम लिख देंगे !!

न रहे राज़ कोई न राज़दारी रहे !
दुनिया में कुछ रहे तो ईमान और वफादारी रहे !!
हर बिगड़े हुए ईमान को बे-ईमान लिख देंगे !
हम हर जुबां पे सर ज़मीने-ए-हिंदुस्तान लिख देंगे !!

- यतीन्द्र श्रीवास्तव

ई-मेल: yateendra21@gmail.com

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