भारतेंदु और द्विवेदी ने हिंदी की जड़ पाताल तक पहुँचा दी है; उसे उखाड़ने का जो दुस्साहस करेगा वह निश्चय ही भूकंपध्वस्त होगा।' - शिवपूजन सहाय।

लोक-कथाएं

क्षेत्र विशेष में प्रचलित जनश्रुति आधारित कथाओं को लोक कथा कहा जाता है। ये लोक-कथाएं दंत कथाओं के रूप में एक पीढ़ी से अगली पीढ़ी में प्रचलित होती आई हैं। हमारे देश में और दुनिया में छोटा-बड़ा शायद ही कोई ऐसा हो, जिसे लोक-कथाओं के पढ़ने या सुनने में रूचि न हो। हमारे देहात में अभी भी चौपाल पर गांववासी बड़े ही रोचक ढंग से लोक-कथाएं सुनते-सुनाते हैं। हमने यहाँ भारत के विभिन्न राज्यों में प्रचलित लोक-कथाएं संकलित करने का प्रयास किया है।

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टैटू कैसे शुरू हुए? - रोहित कुमार ‘हैप्पी'

[ न्यूज़ीलैंड की लोक कथा ]

 
बोझा | लोक कथा - भारत-दर्शन संकलन

एक कुम्हार गधे पर नमक का परचूनी व्यापार करता था। रास्ते में एक नदी पड़ती थी। नदी पार करने में गधे की आफत आ जाती थी। एक दिन अनजाने में उसका पांव फिसल गया। पीठ पर बंधा सारा नमक गलकर बह गया। गधे की मनचाही हो गई। उसके बाद तो गधे ने यही लत पकड़ ली। नदी आते ही पानी में बैठ जाता।

 

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