उर्दू जबान ब्रजभाषा से निकली है। - मुहम्मद हुसैन 'आजाद'।

चुन्नी-मुन्नी

 (बाल-साहित्य ) 
Print this  
रचनाकार:

 हरिवंश राय बच्चन | Harivansh Rai Bachchan

मुन्नी और चुन्नी में लाग-डाट रहती है । मुन्नी छह बर्ष की है, चुन्नी पाँच की । दोनों सगी बहनें हैं । जैसी धोती मुन्नी को आये, वैसी ही चन्नी को । जैसा गहना मुन्नी को बने, वैसा ही चुन्नी को । मुन्नी 'ब' में पढ़ती थीँ, चुन्नी 'अ' में । मुन्नी पास हो गयी, चुन्नी फ़ेल । मुन्नी ने माना था कि मैं पास हो जाऊँगी तो महाबीर स्वामी को मिठाई चढ़ाऊंगी । माँ ने उसके लिए मिठाई मँगा दी । चुन्नी ने उदास होकर धीमे से अपनी माँ से पूछा, अम्मा क्या जो फ़ेल हो जाता है वह मिठाई नहीं चढ़ाता?

इस भोले प्रश्न से माता का हृदय् गद्‌गद हो उठा । 'चढ़ाता क्यों नहीं बेटी' माँ ने यह कहकर उसे अपने हृदय स लगा लिया । माता ने चुन्नी के चढ़ाने के लिए भी मिठाई मँगा दी ।

जिस समय वह मिठाई चढा रही थी उस समय उसके मुँह पर सन्तोष के चिह्न थे, मुन्नी के मुख पर ईर्ष्या के, माता के मुख पर विनोद केऔर देवता के मुख पर झेंप के!

 

- हरिवंशराय बच्चन

[सरस्वती, १९३२ से]

Back
 
Post Comment
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश