मजहब को यह मौका न मिलना चाहिए कि वह हमारे साहित्यिक, सामाजिक, सभी क्षेत्रों में टाँग अड़ाए। - राहुल सांकृत्यायन।

मुक्तिबोध की हस्तलिपि में कविता

 (काव्य) 
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रचनाकार:

 गजानन माधव मुक्तिबोध | Gajanan Madhav Muktibodh

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