उर्दू जबान ब्रजभाषा से निकली है। - मुहम्मद हुसैन 'आजाद'।

ज़िन्दगी इतनी भी आसान नहीं | ग़ज़ल

 (काव्य) 
Print this  
रचनाकार:

 रेखा राजवंशी | ऑस्ट्रेलिया

ज़िन्दगी इतनी भी आसान नहीं
कौन है जो कि परेशान नहीं

जिसके दामन में हों खुशियाँ-खुशियाँ
ऐसा मिलता कोई इंसान नहीं

लेके दिल में जो सकूँ रहते हैं,
उनको भी बख्शते तूफ़ान नहीं

बन के सूरज जो खिला करते हैं
रात के साए से अनजान नहीं

ग़म की स्याही उड़ेलते हैं जो
साफ़ उनके भी गिरेबान नहीं

किससे अब उनकी शिकायत करिये
दोस्त अपने हैं, वो हैवान नहीं

ज़िन्दगी इतनी भी आसान नहीं
कौन है जो कि परेशान नहीं

-रेखा राजवंशी, ऑस्ट्रेलिया

 

 

Back
 
Post Comment
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश