उर्दू जबान ब्रजभाषा से निकली है। - मुहम्मद हुसैन 'आजाद'।

यह दिल क्या है देखा दिखाया हुआ है

 (काव्य) 
Print this  
रचनाकार:

 त्रिलोचन

यह दिल क्या है देखा दिखाया हुआ है
मगर दर्द कितना समाया हुआ है

मेरा दुख सुना चुप रहे फिर वो बोले
कि यह राग पहले का गाया हुआ है

झलक भर दिखा जाएँ बस उनसे कह दो
कोई एक दर्शन को आया हुआ है

न पूछो यहाँ ताप की क्या कमी है
सभी का हृदय उसमें ताया हुआ है

यही दर्द था जिसने तुमसे मिलाया
ये यों ही नहीं जी को भाया हुआ है

गढ़ा मौत का है नहीं भरने वाला
यहाँ अनगिनत का सफ़ाया हुआ है

*त्रिलोचन* सुनाओ हमें गान अपने
जहाँ दर्द जी का समाया हुआ है

- त्रिलोचन

 

Back
 
Post Comment
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश