साहित्य की उन्नति के लिए सभाओं और पुस्तकालयों की अत्यंत आवश्यकता है। - महामहो. पं. सकलनारायण शर्मा।

कुछ हाइकु

 (काव्य) 
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रचनाकार:

 आनन्द विश्वास (Anand Vishvas)

1)
मन की बात
सोचो, समझो और
मनन करो।


2)
अपना घर
तन-मन-धन से
स्वच्छ बनाएं।


3)
पानी या खून
हर बूँद अमूल्य
मत बहाओ।


4)
गेंहूँ, जौ, चना
कैसे हो और घना
हमें सोचना।

-आनन्द विश्वास

 

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