उर्दू जबान ब्रजभाषा से निकली है। - मुहम्मद हुसैन 'आजाद'।

काश हम जंगल में रहते (बाल-साहित्य )

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Author: रवि रंजन गोस्वामी

काश कि हम जंगल में रहते
पेड़ों पर झटपट चढ़ जाते
आम पेड़ से तोड़ के खाते
बाघ और भालू दोस्त बनाते
बंदर से भी यारी होती
ये यारी भी प्यारी होती
तोता मैना ,बगुला मोर
हम सब खूब मचाते शोर 

-रवि रंजन गोस्वामी
ई-मेल: goswamirr@hotmail.com

 

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