उर्दू जबान ब्रजभाषा से निकली है। - मुहम्मद हुसैन 'आजाद'।

थोड़ा इंतजार (काव्य)

Print this

Author: राहुल सूर्यवंशी

नियमों से नहीं, तो निवेदन से रुक
डंडे से नहीं, तो ठंडे से रुक
महामारी की है भरमार, तू कर थोड़ा इंतजार।

मालूम है मुझको, अब रहा ना जा रहा, चार दीवारी में
अप-डाउन भरी जिंदगी हुई लॉक-डाउन, इस बीमारी में
लगा है अफवाहों का अंबार, बस कर ले थोड़ा इंतजार।

देख ये पुलिस, ये डॉक्टर, ये नर्सें
भूलकर अपना परिवार
करें देश पर जां निसार, तू कर ना थोड़ा इंतजार।

घर बैठे, करो कोरोना पर प्रहार
लौटेगी खुशियों की बहार, फिर एक बार.....
बस थोड़ा इंतजार।

-राहुल सूर्यवंशी, भारत
ई-मेल: rs43013@gmail.com

 

Back

 
Post Comment
 
 
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश