वही भाषा जीवित और जाग्रत रह सकती है जो जनता का ठीक-ठीक प्रतिनिधित्व कर सके। - पीर मुहम्मद मूनिस।
पर्यावरण पर हाइकु  (काव्य)  Click to print this content  
Author:लाल बिहारी लाल

1)
संकट भारी
प्रदूषण का जोर
प्रकृति हारी ।।


2)
करो जतन
जल्दी ठीक हो कैसे
पर्यावरण ।।


3)
माँ को बचाओ
अधुनिक दौड में
पेड लगाओ ।।


4)
संभल जाओ
हवा एवं पानी का
रोको बर्बादी।


5)
पेड़ लगाओ
जीवन को बचाओ
मान भी जाओं।

- लाल बिहारी लाल
 ई-मेल: lalkalamunch@rediffmail.com

* सचिव-लाल कला मंच,
नई दिल्ली-110044

 

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