उर्दू जबान ब्रजभाषा से निकली है। - मुहम्मद हुसैन 'आजाद'।
हिन्दी दिवस (काव्य)  Click to print this content  
Author:खाक बनारसी

अपने को आता है
बस इसमें ही रस
वर्ष में मना लेते
एक दिन हिंदी दिवस

मानसिकता पूर्णतया:
इंगलिश की है
'लवली एटीकेट' से 'लव'
'प्यार फारेन डिश' से है

अपना पप्पू 'टाप' है
इस साल 'कोचिंग क्लास' में
अब तो नाता उसके 'फ्यूचर'
और उसके 'विश' से है

हिन्दी का 'स्कोप' क्या है?
रह गया है कहाँ लस
यही क्या कम है मना
लेते हैं हम हिन्दी दिवस

- खाक बनारसी

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