मजहब को यह मौका न मिलना चाहिए कि वह हमारे साहित्यिक, सामाजिक, सभी क्षेत्रों में टाँग अड़ाए। - राहुल सांकृत्यायन।
कुली - न्यूज़ीलैंड में गिरमिट की कहानी का मंचन (विविध)  Click to print this content  
Author:रोहित कुमार हैप्पी

23 जुलाई 2023 (न्यूज़ीलैंड) 

कुली: द स्टोरी ऑफ़ द गिरमिट्याज़ (Coolie: The Story of the Girmityas) नामक एक रंगमंच भारतीय गिरमिटिया मजदूरों के इतिहास को अभिनित करेगा। भारतीय गिरमिटिया मजदूरों की कहानी बहुत लोगों को ज्ञात नहीं है। नादिया फ़्रीमैन का नवीनतम काम इलेक्ट्रॉनिक संगीत और थिएटर के माध्यम से अपने पूर्वजों की अनकही कहानी को जीवंत कर रहा है।

यह शो गुरुवार को समकालीन माओरी-पैसिफ़िका एवं स्वदेशी कला महोत्सव में आरंभ हुआ।

"कुली" नाटक का शीर्षक है, जिसका प्रयोग अपमानजनक रूप से फिजी में श्रमिकों को संबोधित करते समय ब्रिटिश करते थे। भारतीय श्रमिकों को गिरमिट्या कहा जाता था। 'गिरमिट' शब्द 'एग्रीमेंट' यानी 'अनुबंध' का अपभ्रंश है। इसी 'गिरमिट' शब्द से 'गिरमिट्या' उत्पन्न हुआ। 'गिरमिट्या' यानी अनुबंधित श्रमिक या शर्तबंद मजदूर। यह अनुबंध शुरू में पांच साल के लिए था, लेकिन इसे बढ़ाया जा सकता था।

इस नाटक का उद्देश्य गिरमिट्या का परिचय विस्तृत रूप से गैर-भारतीयों से करवाना है ताकि बाहर के लोग यह जानें कि क्या हुआ था, वे इसके बारे में विस्तृत रूप से जानें।

पांच वर्ष पूरे करने पर, इन मजदूरों को अपने खर्च पर भारत लौटने या 10 साल और सेवा करने और ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार के खर्च पर लौटने का विकल्प दिया जाता था। कुछ श्रमिक घर लौट गए, लेकिन कई लोग वापसी की यात्रा का खर्च वहन न कर पाने के कारण वहीं द्वीप पर फंस गए।

न्यूज़ीलैंड में हाल ही में 144वां गिरमिट दिवस मनाया गया है।

-रोहित कुमार हैप्पी

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