शिक्षा के प्रसार के लिए नागरी लिपि का सर्वत्र प्रचार आवश्यक है। - शिवप्रसाद सितारेहिंद।
21 जून : अंतरराष्ट्रीय योग दिवस  (विविध)  Click to print this content  
Author:जसवंत क्लॉडियस

भारत में योग अब खेलकूद की श्रेणी में भी

Senior sports journalist and TV Commentator

प्रस्तावना

आधुनिक काल की जिंदगी भाग दौड़ भरी है। शारीरिक रूप से चुस्त दुरुस्त रहना सबसे बड़ी चुनौती है। एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ मची हुई है। कार्यक्षेत्र में अच्छा प्रभाव जमाने और अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश निरंतर जारी रहती है। इस स्थिति के लिए सबसे महत्वपूर्ण तथ्य है स्वस्थ शरीर स्वस्थ मन का होना। यह सिर्फ नियमित कसरत से संभव नहीं है। वास्तव में व्यवस्थित शारीरिक अभ्यास के साथ स्वयं के मन, मस्तिष्क को नियंत्रित रखना आवश्यक है।

भारत के इतिहास पर नजर डालने से स्पष्ट है कि हमारे देश में हजारों ऋषि-मुनि, साधु संत, देव पुरुष हुए जिन्होंने समाज को व्यवस्थित रखने के लिए अपने विचारों व कार्यों को प्रगट किया। यह तब संभव हुआ जब शरीर, मन, मस्तिष्क पर उनका खुद का नियंत्रण था ।

 

भारत और योग

यह स्वीकार किया जाता है कि योग का प्रयोग मनुष्य द्वारा प्राचीन काल से किया जा रहा है। मानव सभ्यता जितनी पुरानी है हम कह सकते हैं योग विद्या की उम्र भी उतनी ही है। भारतीय प्राचीन इतिहास में उपलब्ध जानकारी के आधार पर योग विद्या में आदि गुरु एवं आदि योगी के रूप में शिव को स्वीकार किया जाता है।

योग के आरंभ होने के स्थान के बारे में कोई ठोस प्रमाण नहीं है लेकिन माना जाता है कि आदिकाल से भारत में योग किया का प्रयोग किया जाता रहा है। इसकी पुष्टि भारत के सबसे प्राचीन वेदों में योग के वर्णन मिलने से होती है। वैसे संसार की मानव सभ्यता में से एक सिंधु घाटी की सभ्यता में खुदाई के दौरान प्राप्त वस्तुओं में योग की शारीरिक मुद्राएँ और आसन पाये गये हैं। जिसे हम योग के अस्तित्व का सबसे पुराना प्रत्यक्ष प्रमाण मानते है।

 

योग और स्वास्थ्य

योग शब्द का सर्वप्रथम उल्लेख ऋग्वेद में पाया जाता है उसके पश्चात उनके उपनिषदों में इसका उल्लेख हुआ हैं वस्तुतः योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो कि आत्मा को परमात्मा से मिलवाता है। स्वामी विवेकानंद ने कहा है योग ही आयु में वृद्धि करता है हमारे पूर्वजों का स्वास्थ्य आज के मुकाबले ज्यादा अच्छा हुआ करता था क्योंकि उनके जीवन शैली में कहीं ना कहीं योग की भूमिका होती थी।

ऋण महर्षि पतंजलि ने योग सूत्रों के माध्यम से योग और उससे जुड़ी बातों को सहिताबद्ध किया। उनके अनुसार मन की इच्छाओं को संतुलित बनाना योग कहलाता है। महर्षि पंतजली ने योग को निम्नानुसार आष्टांग योग अर्थात आठ भागों में कमशः यम, नियम, आसन, प्राणायम, प्रतिहार, धारण, ध्यान और समाधि विभक्त किया है।

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल

योग विद्या भारत की देन है। आज की परिस्थिति में जीवन के हर दौर इसकी आवश्यकता है। जिंदगी को खुशहाल बनाने के लिए संपूर्ण मानव जाति में योग को अपनाये जाना लाभकारी है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए 26 मई 2014 को श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री का पद संभालते ही योग के महत्व को संसार के सभी देशों के लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रयास आरंभ किया गया। वर्ष 2014 में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में भारत द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का विचार प्रस्तावित किया गया। बाद में योग की महत्व को गंभीरता से लेते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 11 दिसंबर 2014 में एक प्रस्ताव पारित करके 21 जून 2015 को पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पूरी दुनिया में मनाने का प्रस्ताव पारित किया ।

कोविड-19 विषाणु संक्रमण काल में प्रभावित रोगियों के क्वारंटाइन तथा आइसोलेशन के दौरान देखभाल और पुनवार्स में योग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अब तो विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी अपने सदस्य देशों को योग का अभ्यास करने कहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एम-योग एप की घोषणा की जिसकी वजह से 2023 के नौंवे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए घोषित थीम एक विश्व एक स्वास्थ्य के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

 

खेल और योग

खेलकूद के दौरान मुकाबले में उतरने के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से सशक्त बनने हेतु खेल की दुनिया में योग की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। भारत में खेल मंत्रालय ने योग को खेल अनुशासन के रूप में मान्यता प्रदान की है और भारत के 36वें राष्ट्रीय खेलों गुजरात 2022 में योगासन के मुकाबले हुए। खेलो इंडिया के तहत भारतीय खेल प्राधिकरण 'साई' द्वारा "युथ गेम्स” तथा “यूनिवर्सिटी गेम्स" में भी योगासन को खेल के रूप में शामिल किया है। सी.बी.एस.ई. के शालाओं में योग व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम के रूप में सम्मिलित है। योग के बढ़ते दायरे और लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के माध्यम से हजारों युवाओं को योग प्रशिक्षकों और अनुदेशकों के रूप में प्रशिक्षित किया गया है।

भारत में लोगों को अपने दैनिक जीवन में शारीरिक गतिविधियों और खेलों को शामिल करने के लिए फिट इंडिया मूवमेंट द्वारा प्रोत्साहित करने का क्रम आरंभ हुआ है। योग भी फिट इंडिया मूवमेंट का एक हिस्सा है।

भारत के प्रधानमंत्री के पहल व प्रयास से आज हमारे ऋषि, मुनियों, आचार्यों, दिव्य परमात्माओं की देन योग ने जगत के मानव समाज में अपना बहुमूल्य स्थान बना लिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बिल को पारित करते हुए कहा था कि योग दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है। हमारी बदलती जीवन शैली में योग चेतना बनकर हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी मदद कर सकता है। योग इसमें जीवन के लिए अमूल्य उपहार है।

 

योग दिवस और मूल विषय

2015 से आरंभ मानव जीवन के संतुलित विकास में सहभागी योग विद्या के लिए प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मूल विषय तय की जाती है। उसके अनुसार क्रमशः 2015 में सामंजस्य और शांति के लिए योग", 2016 में “युवाओं को जोड़े”, 2017 में “स्वास्थ्य के लिए योग”, 2018 में “शांति के लिए योग", 2019 में जलवायु परिवर्तन ( एक्शन) के लिए योग 2020 में "स्वास्थ्य के लिए घर पर परिवार के साथ योग" 2021 में "कल्याण के लिए योग" 2022 में "मानवता के लिए योग” तथा 2023 के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मूल विषय “एक दुनिया, एक स्वास्थ्य" है।

आज की परिस्थिति में विश्व के 170 से 180 देशों में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।

 

योग आसन

ऐसे आसान को प्रमुखता दी गई है जिसे आसानी से किया जा सकता है और जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभप्रद है।

  1. त्रिकोण आसान - कमरदर्द को दूर करने और मोटापा कम करने के लिए लाभप्रद है।
  2. उन्तान पादासन - पैर में होने वाली सनसनाहट और दर्द की शिकायत को यह आसन दूर करती है।
  3. सेतुबंधासन- ये आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूत करती तथा पाचन किया में सुधार लाती है।
  4. पश्चिमोत्तानासन - इसके नियमित करने से मन शांत रहता है एवं तनाव से छुटकारा मिलता है।

 

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और नारा

  1. योग मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक बीमारी का इलाज करने के लिए सही और सटीक है।
  2. स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन, यह दोनों योग से ही मिलते हैं।
  3. स्वयं को बदलो, जग बदलेगा, योग के सुखमय हर दिन खिलेगा ।
  4. जो करता योग, उसको नहीं छूता रोग ।

 

- जसवंत क्लॉडियस

पूर्व प्रवक्ता प्रदेश कांग्रेस कमेटी, रायपुर
पूर्व ऐच्छिक सेवानिवृत आबकारी अधिकारी
भारत के वरिष्ठ स्वतंत्र खेल पत्रकार
टेलीविजन में छत्तीसगढ़ के पहले अंतरराष्ट्रीय खेल कमेंटेटर
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार से शहीद विनोद कुमार चौबे अवॉर्डी
स्टेट बार कौंसिल छत्तीसगढ़ के पंजीकृत अधिवक्ता

पता- सेंट जोसफ टाउन, अमलीडीह,
पो.आ. रविग्राम, रायपुर तहसील व जिला रायपुर (छ.ग.)
पिन कोड 492001
मोबाइल : 9424213303, 9131103198
ई-मेल : jasclaudius@gmail.com

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