साहित्य की उन्नति के लिए सभाओं और पुस्तकालयों की अत्यंत आवश्यकता है। - महामहो. पं. सकलनारायण शर्मा।
नई सदी के बच्चे (बाल-साहित्य )    Print  
Author:त्रिलोक सिंह ठकुरेला
 

नई सदी के बच्चे हैं हम
मिलकर साथ चलेंगे।
प्रगति के रथ को हम मिलकर
नई दिशाएं देंगे।

जल, थल, नभ में काम करेंगे
जो चाहें पायेंगे।
सदा राष्ट्र की विजय पताका
मिलकर फहरायेंगे॥

हर कुरीति, हर आडम्बर को
मिलकर नष्ट करेंगे।
सबके मन में नई उमंगें,
सपने नये भरेंगे॥

नई सदी के बच्चे हैं हम,
नव प्रतिमान गढ़ेंगे।
सबसे प्यारा देश हमारा,
सबको बतला देंगे॥

- त्रिलोक सिंह ठकुरेला
 ई-मेल:  thakurela2021@gmail.com

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