उर्दू जबान ब्रजभाषा से निकली है। - मुहम्मद हुसैन 'आजाद'।
धरती मैया | ग़ज़ल (काव्य)    Print  
Author:राजगोपाल सिंह
 

धरती मैया जैसी माँ
सच पुरवैया जैसी माँ
 
पापा चरखी की डोरी
इक कनकैया जैसी माँ

तूफ़ानों में लगती है
सबको नैया जैसी माँ

बाज़ सरीखे सब नाते
इक गौरैया जैसी माँ

-राजगोपाल सिंह

 

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