उर्दू जबान ब्रजभाषा से निकली है। - मुहम्मद हुसैन 'आजाद'।
सौदागर और कप्तान | सीख भरी कहानी  (कथा-कहानी)    Print  
Author:सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' | Suryakant Tripathi 'Nirala'
 

एक सौदागर समुद्री यात्रा कर रहा था, एक रोज उसने जहाज के कप्‍तान से पूछा, ''कैसी मौत से तुम्‍हारे बाप मरे?"

कप्‍तान ने कहा, ''जनाब, मेरे पिता, मेरे दादा और मेरे परदादा समन्दर में डूब मरे।''

सौदागर ने कहा, ''तो बार-बार समुद्र की यात्रा करते हुए तुम्‍हें समन्दर में डूबकर मरने का खौफ़ नहीं होता?"

''बिलकुल नहीं,'' कप्‍तान ने कहा, ''जनाब, कृपा करके बतलाइए कि आपके पिता, दादा और परदादा किस मौत के घाट उतरे?"

सौदागर ने कहा, ''जैसे दूसरे लोग मरते हैं, वे पलँग पर सुख की मौत मरे।''

कप्‍तान ने जवाब दिया, ''तो आपको पलंग पर लेटने का‍ जितना खौफ़ होना चाहिए, उससे ज्‍यादा मुझे समुद्र में जाने का नहीं।''

विपत्ति का अभ्‍यास पड़ जाने पर वह हमारे लिए रोजमर्रा बन जाती है।

-सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

यदि आप इन कहानियों को अपने किसी प्रकार के प्रकाशन (वेब साइट, ब्लॉग या पत्र-पत्रिका) में प्रकाशित करना चाहें तो कृपया मूल स्रोत का सम्मान करते हुए 'भारत-दर्शन' का उल्लेख अवश्य करें।

Back
 
 
Post Comment
 
  Captcha
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश