जो साहित्य केवल स्वप्नलोक की ओर ले जाये, वास्तविक जीवन को उपकृत करने में असमर्थ हो, वह नितांत महत्वहीन है। - (डॉ.) काशीप्रसाद जायसवाल।
चित्र-दीर्घा :   Jallianwala Bagh

गोलियों के निशान

Shaheedi Kuan | शहीदी कुआँ

जलियाँवाला बाग की कहानी

अमानवीय कृत्य की बोलती तस्वीर

शहीदी स्मारक

अमर ज्योति स्मारक, जलियाँवालाबाग, अमृतसर

अमर ज्योति
 

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