शिक्षा के प्रसार के लिए नागरी लिपि का सर्वत्र प्रचार आवश्यक है। - शिवप्रसाद सितारेहिंद।
अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' जयंती | 15 अप्रैल
 
 

खड़ी बोली को काव्य भाषा के पद पर प्रतिष्ठित करने वाले कवियों में अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' का जन्म 15 अप्रैल, 1865 को  हुआ था।

हिंदी के विकास में 'हरिऔध' के काव्य का महत्वपूर्ण योगदान है। आप कवि के अतिरिक्त नाटककार, उपन्यासकार, साहित्य-समीक्षक व इतिहास लेखक भी थे। वस्तुत: आप खड़ी बोली के प्रथम महाकवि थे।

पूरा जीवन परिचय व रचनाएं पढ़ें।

 
 
Posted By रेणु    on  Tuesday, 19-01-2016
मैं धन्य हो गई महाप्राण निराला की हस्तलिपि देख कर , भारत दर्शन को आभार
Posted By Pushpa Sharma   on  Tuesday, 01-12-2015
िनरालाजी की हस्तशिल्प में उन्नती यह अवंति लोकपिय कविता पढ कर मन पसनन होगया

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