मजहब को यह मौका न मिलना चाहिए कि वह हमारे साहित्यिक, सामाजिक, सभी क्षेत्रों में टाँग अड़ाए। - राहुल सांकृत्यायन।
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जयंती | 9 सितम्बर
 
 

युग प्रवर्तक बाबू भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का जन्म काशी नगरी के प्रसिद्ध 'सेठ अमीचंद' के वंश में 9 सितम्बर 1850 को हुआ। आपके पिता 'बाबू गोपाल चन्द्र' भी एक कवि थे। इनके घराने में वैभव एवं प्रतिष्ठा थी। जब इनकी अवस्था मात्र 5 वर्ष की थी, इनकी माता चल बसी और दस वर्ष की आयु में पिता जी भी चल बसे।

भारतेन्दु जी विलक्षण प्रतिभा के व्यक्ति थे। इन्होंने अपने परिस्थितियों से गम्भीर प्रेरणा ली। इनके मित्र मण्डली में बड़े-बड़े लेखक, कवि एवं विचारक थे, जिनकी बातों से ये प्रभावित थे। इनके पास विपुल धनराशि थी, जिसे इन्होंने साहित्यकारों की सहायता हेतु मुक्त हस्त से दान किया। ये बहुमुखी प्रतिभा से सम्पन्न साहित्यकार थे।

 

 
 

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