पांच तोला तिकड़म की छाल लाकर, दस तोला खुशामद के अर्क में मिलाइये, घोट घोट मचाइये | शुद्ध खादी के छन्ने में छानकर पी जाइये।
बेदर्दी के सेफ्टी रेजर से मूंछ-दाढ़ी करो साफ़ कोई गाली दे जाए तो कर दो उसे माफ़। ऊपर से देवता अन्दर प्रपंच बन गये नेता पूरे सौ टंच, पकड़ लो किसी राजनैतिक पार्टी का मंच।
अफसरों से रखो मेल, पिलाओ उनको “सोमरस" खिलाओ इलायची, पान, छालियां, मुंह पर प्रशंसा करो, पीठ पीछे दो गालियां। पत्र एवं पत्रकारों पर काबू रखो, पी० ए० के रूप में बीबी या बाबू रक्खो। अथवा अपना ही निकालो कोई अखबार बजाओ निंदा-स्तुति के ढोल सेठ लोगों की खोलो पोल। इस विजनिस में रत्ती भर नहीं धोखा, हर्रा लगे न फिटकरी, रंग आयेगा चोखा।
- काका हाथरसी |